Literary Criticism - Mahapran Nirala
निराला हमारे उन कालजयी कवियों में से हैं जिनके जीवन और कृतित्व के बारे में जानने-समझने की हमारी जिज्ञासा लगातार बनी रहती है। 'महाप्राण निराला' बहुत पहले प्रकाशित हुई थी जिसमें महादेवी की प्रस्तावना है और स्वयं निराला की हस्तलिपि में उनकी एक टिप्पणी। पुस्तक में आत्मीय संस्मरण और आलोचना का मोहक और सार्थक समन्वय है। यह बरसों से अप्राप्य थी और हमें उसका पुनर्प्रकाशन करते हुए प्रसन्नता है कि उन पर पहली पुस्तकों में से एक हम फिर उपलब्ध करा पा रहे हैं। यह याद करना ज़रूरी है कि निराला को उनकी कठिन ज़िन्दगी और जटिल कविता को समझने की कोशिश हिन्दी आलोचना काफ़ी पहले से करती रही है।—अशोक वाजपेयी
Literary Criticism - Mahapran Nirala
Mahapran Nirala - by - Rajkamal Prakashan
Mahapran Nirala -
- Stock: 10
- Model: RKP1251
- Weight: 250.00g
- Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
- SKU: RKP1251
- ISBN: 0
- Total Pages: 366p
- Edition: 2018. Ed. 1st
- Book Language: Hindi
- Available Book Formats: Hard Back
- Year: 2018
₹ 750.00
Ex Tax: ₹ 750.00