Menu
Your Cart

Literary Criticism - Aadhunik Sahitya

Literary Criticism - Aadhunik Sahitya
‘आधुनिक साहित्य’ आचार्य नन्ददुलारे वाजपेयी के निबन्‍धों का संग्रह है। इसमें सम्मिलित निबन्‍धों में सन् 1930 से 1942 तक की कालावधि के हिन्दी साहित्य की मुख्य कृतियों और प्रवृत्तियों का विवेचन किया गया है। कुछ अन्य प्रासंगिक निबन्‍ध भी इसमें जोड़ दिए गए हैं, जो विषय पर भिन्‍न दिशा और भूमि से प्रकाश डालते हैं। लेकिन जैसाकि स्वयं वाजपेयी जी अपनी भूमिका में कहते हैं : “पुस्तक में इस सामग्री के रहते हुए भी इसे उस समय का साहित्यिक इतिहास नहीं कहा जा सकता। इसका निर्माण इतिहास से भिन्‍न प्रणाली और प्रेरणा से किया गया है।”वाजपेयी जी आगे कहते हैं : “मेरी ये समीक्षाएँ और निबन्‍ध निर्माण की पगडंडियाँ हैं; इतिहास वह ‘रोलर’ है, जो इन अथवा इन जैसी अन्य पगडंडियों को समतल कर प्रशस्‍त पथ बनाता है। जब तक विविध दृष्टियों और उपादानों को लेकर अच्छे परिमाण में साहित्यिक समीक्षाएँ नहीं प्रस्‍तुत की जातीं, तब तक इतिहास-लेखन का कार्य वस्तुतः सम्‍भव नहीं है। ‌‘हिन्दी साहित्य : बीसवीं शताब्दी’ के साथ ‘आधुनिक साहित्य’ के ये पूरक निबन्‍ध यदि नई साहित्यिक रुचि और दृष्टि के निर्माण में कुछ भी योग दे सकें, तो यह इनकी सफलता होगी।”इस पुस्तक में शामिल निबन्‍ध अपने विषय-काल के साहित्य की एक विहंगम तस्वीर पाठक के सामने प्रस्‍तुत करते हैं और साहित्येतिहास की दिशा में उन्मुख होनेवाले विद्वज्जनों को एक आधार मुहैया कराते हैं।

Literary Criticism - Aadhunik Sahitya

Aadhunik Sahitya - by - Rajkamal Prakashan

Aadhunik Sahitya -

Write a review

Please login or register to review
  • Stock: 10
  • Model: RKP72
  • Weight: 250.00g
  • Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
  • SKU: RKP72
  • ISBN: 0
  • Total Pages: 379p
  • Edition: 2021, Ed. 2nd
  • Book Language: Hindi
  • Available Book Formats: Hard Back
  • Year: 2003
₹ 995.00
Ex Tax: ₹ 995.00