Linguistics - Path Sampadan Ke Siddhant
प्राचीन कवियों के पाठों का जैसा वैज्ञानिक सम्पादन चाहिए, वैसा हिन्दी में कम हुआ है। जायसी और तुलसी के पाठ-सम्पादन के महत्त्वपूर्ण कार्य हुए हैं। अन्य कवियों के पाठों के अभी इतने सन्तोषजनक परिणाम नहीं मिले हैं। भाषा विषयक शोध, ऐतिहासिक शोध तथा रचनाकार की साहित्यिक सैद्धान्तिक समालोचना के लिए सर्वप्रथम उसकी रचना का मूलपाठ स्थिर होना आवश्यक होता है। इस पुस्तक में पाठ-सम्पादन के सिद्धान्त और अन्य सहायक विषयों की चर्चा की गई है।
Linguistics - Path Sampadan Ke Siddhant
Path Sampadan Ke Siddhant - by - Lokbharti Prakashan
Path Sampadan Ke Siddhant -
- Stock: 10
- Model: RKP3546
- Weight: 250.00g
- Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
- SKU: RKP3546
- ISBN: 0
- Total Pages: 157p
- Edition: 2022, Ed. 2nd
- Book Language: Hindi
- Available Book Formats: Hard Back
- Year: 2008
₹ 450.00
Ex Tax: ₹ 450.00