Menu
Your Cart

Linguistics - Hindi Urdu Aur Hindustani

Linguistics - Hindi Urdu Aur Hindustani
प्रस्तुत पुस्तक 'हिन्दी, उर्दू और हिन्दुस्तानी' भाषा समस्या पर लेखक के विचारों का संकलन है। हिन्दी उर्दू या हिन्दुस्तानी के नामभेद और स्वरूपभेद के कारणों पर विचार हो चुका। इनकी एकता और उसके साधनों का निर्देश भी किया जा चुका। जिन कारणों से भाषा में भेद बढ़ा, उनका दिग्दर्शन भी, संक्षेप और विस्तार के साथ हो गया। हिन्दी और उर्दू के सम्बन्ध में दोनों पक्ष के बड़े-बड़े विद्वानों की सम्मतियाँ सुन चुके। इन सब बातों का निष्कर्ष यही निकला कि प्रारम्भ में हिन्दी-उर्दू दोनों एक ही थीं, बाद को जब व्याकरण, पिंगल, लिपि और शैली भेद आदि के कारण दो भिन्न दिशाओं में पड़कर यह एक-दूसरे से बिलकुल पृथक् होने लगीं, तो सर्वसाधारण के सुभीते और शिक्षा के विचार से इनका विरोध मिटाकर इन्हें एक करने के लिए भाषा की इन दोनों शाखाओं का संयुक्त नाम ‘हिन्दुस्तानी' रखा गया।हिन्दी-उर्दू का भंडार दोनों जातियों के परिश्रम का फल है। अपनी-अपनी जगह भाषा की इन दोनों शाखाओं का विशेष महत्त्व है। दोनों ही ने अपने-अपने तौर पर यथेष्ट उन्नति की है। दोनों ही के साहित्य भंडार में बहुमूल्य रत्न संचित हो गए हैं और हो रहे हैं। हिन्दी वाले उर्दू साहित्य से बहुत कुछ सीख सकते हैं। इसी तरह उर्दू वाले हिन्दी के ख़ज़ाने से फ़ायदा उठा सकते हैं। यदि दोनों पक्ष एक-दूसरे के निकट पहुँच जाएँ और भेद बुद्धि को छोड़कर भाई-भाई की तरह आपस में मिल जाएँ तो वह ग़लतफ़हमियाँ अपने आप ही दूर हो जाएँ, जो एक से दूसरे को दूर किए हुए हैं। ऐसा होना कोई मुश्किल बात नहीं है। सिर्फ़ मज़बूत इरादे और हिम्मत की ज़रूरत है, पक्षपात और हठधर्मी को छोड़ने की आवश्यकता है। बिना एकता के भाषा और जाति का कल्याण नहीं।

Linguistics - Hindi Urdu Aur Hindustani

Hindi Urdu Aur Hindustani - by - Lokbharti Prakashan

Hindi Urdu Aur Hindustani -

Write a review

Please login or register to review
  • Stock: 10
  • Model: RKP3362
  • Weight: 250.00g
  • Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
  • SKU: RKP3362
  • ISBN: 0
  • Total Pages: 163p
  • Edition: 2016
  • Book Language: Hindi
  • Available Book Formats: Hard Back
  • Year: 0
₹ 250.00
Ex Tax: ₹ 250.00