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Letters - Pita Ko Patra

Letters - Pita Ko Patra
काफ़्का की हस्तलिपि में अपने पिता को लिखा उनका यह पत्र कुछ वर्ष पूर्व तक लापता माना जा रहा था और हाल ही के वर्षों में मिला है। पाठक जानते ही हैं कि काफ़्का मृत्यु से पहले अपनी सभी रचनाएँ अपने मित्र मार्क्स ब्रोड के पास इस निर्देश के साथ छोड़ गए थे कि उनकी मृत्यु के बाद उन्हें जला दिया जाए। लेकिन ब्रोड ने ऐसा नहीं किया और एक के बाद एक उन पांडुलिपियों को सम्‍पादित कर प्रकाशित करवा दिया।इस ऐतिहासिक पत्र के अस्तित्व के बारे में ख़ुद ब्रोड को भी जानकारी नहीं थी। सन् 1953 में जब यह पत्र अपने अपूर्ण रूप में पहली बार प्रकाशित हुआ तो इसके प्राक्कथन में ब्रोड ने लिखा कि काफ़्का ने यह पत्र मूल रूप से टाइपिंग मशीन पर ही टाइप किया था और बाद में हाथ से ग़लतियाँ सुधारी थीं। टाइप किए हुए साढ़े चौवालीस पृष्ठों वाले पत्र में काफ़्का ने बाद में हाथ से लिखे दो पृष्ठ और जोड़े थे—ऐसा ब्रोड का मानना था।काफ़्का बीसवीं सदी के सर्वोत्कृष्ट साहित्यिक प्रतिभाओं में एक थे। जर्मन भाषा के साथ विश्व के साहित्य में उनका महत्त्वपूर्ण योगदान है। पिता को लिखा गया यह पत्र काफ़्का के भीतर के व्यक्ति को भी सामने लाता है।

Letters - Pita Ko Patra

Pita Ko Patra - by - Radhakrishna Prakashan

Pita Ko Patra -

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  • Stock: 2-3 Days
  • Model: RKP2994
  • Weight: 250.00g
  • Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
  • SKU: RKP2994
  • ISBN: 0
  • Total Pages: 99p
  • Edition: 1997, Ed. 1st
  • Book Language: Hindi
  • Available Book Formats: Hard Back
  • Year: 1997
₹ 0.00
Ex Tax: ₹ 0.00
Tags: pita , ko , patra , letters , hindi , gagan , notebook