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Discourse - Rusi Sanskriti : Udbhav Aur Vinash

Discourse - Rusi Sanskriti : Udbhav Aur Vinash
‘‘कवि कमलेश हमारे समय के सबसे पढ़े-लिखे व्यक्ति थे, हालाँकि उन्होंने कभी विद्वता का कोई दावा नहीं किया। उनकी रुचि साहित्य के अलावा संस्कृति और विचार के अनेक अनुशासनों जैसे—दर्शन, मनोविज्ञान, नृतत्त्व आदि में थी। महान् रूसी कवियों और उनके माध्यम से रूसी संस्कृति की उद्भव-गाथा और उसके विनाश की शोक-कथा प्रस्तुत करनेवाली यह अनूठी पुस्तक है। इसमें कवियों का सिर्फ़ वैचारिक विश्लेषण भर नहीं है—कविताओं का हिन्दी अनुवाद भी है। किसी विदेशी भाषा के इतने सारे महान् कवियों और उनके माध्यम से किसी देश की संस्कृति के अध्ययन का ऐसा कोई दूसरा उदाहरण हिन्दी में तो क्या शायद किसी अन्य भारतीय भाषा में भी न होगा। इस अद्वितीय पुस्तक को रज़ा पुस्तक माला के अन्तर्गत हम सहर्ष प्रस्तुत कर रहे हैं।—अशोक वाजपेयी

Discourse - Rusi Sanskriti : Udbhav Aur Vinash

Rusi Sanskriti : Udbhav Aur Vinash - by - Rajkamal Prakashan

Rusi Sanskriti : Udbhav Aur Vinash -

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  • Stock: 10
  • Model: RKP29
  • Weight: 250.00g
  • Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
  • SKU: RKP29
  • ISBN: 0
  • Total Pages: 327p
  • Edition: 2018, Ed. 1st
  • Book Language: Hindi
  • Available Book Formats: Hard Back, Paper Back
  • Year: 2018
₹ 299.00
Ex Tax: ₹ 299.00