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History - Bharat Mein Videshi Log Evam Videshi Bhashayen

History - Bharat Mein Videshi Log Evam Videshi Bhashayen
भारत की प्राकृतिक सम्पदा, ज्ञान-विज्ञान, कला एवं शिल्प ने हज़ारों वर्षों से विदेशियों को आकर्षित किया है। यहाँ की वाणिज्यिक एवं सांस्कृतिक परम्परा के कारण यहाँ पर अरबी, बैक्ट्रियन, चीनी, डच, अंग्रेज़ी, फ़्रेंच, यूनानी, हिब्रू, लैटिन, फ़ारसी, पुर्तगाली, तुर्की तथा अन्य भाषाएँ बोली एवं सुनी गईं। संस्कृत आम लोगों की भाषा भले ही न रही हो, परन्तु इसका इस उपमहाद्वीप की हज़ारों भाषाओं के साथ शाब्दिक आदान-प्रदान रहा है। कालक्रम से ये सभी भाषाएँ एक समय में लोकप्रियता एवं सत्ता के शिखर तक पहुँचीं और फिर किसी अन्य भाषा के लिए स्थान ख़ाली कर हट गईं। इस प्रक्रिया में इन भाषाओं का अनेक देशज भाषाओं के साथ सम्पर्क हुआ तथा शब्दों एवं अभिव्यक्तियों का आदान-प्रदान हुआ। समय-समय पर नई भाषाओं का जन्म तथा पुरानी भाषाओं का लोप भी हुआ। प्रस्तुत पुस्तक भारत में भाषाओं के इसी उद्भव-विकास, लोप एवं अवशेष की लम्बी शृंखला की कहानी कहती है।

History - Bharat Mein Videshi Log Evam Videshi Bhashayen

Bharat Mein Videshi Log Evam Videshi Bhashayen - by - Rajkamal Prakashan

Bharat Mein Videshi Log Evam Videshi Bhashayen -

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  • Stock: 10
  • Model: RKP1475
  • Weight: 250.00g
  • Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
  • SKU: RKP1475
  • ISBN: 0
  • Total Pages: 488p
  • Edition: 2018, Ed. 1st
  • Book Language: Hindi
  • Available Book Formats: Hard Back
  • Year: 2018
₹ 1,200.00
Ex Tax: ₹ 1,200.00