विष्णुभट्ट गोडशे द्वारा लिखा 1857 के स्वतंत्रता संग्राम का एकमात्र आँखों देखा विवरण और प्रसिद्ध हिन्दी कथाकार अमृतलाल नागर का उतना ही सरल और सटीक अनुवाद। पुस्तक की घटनाएं चित्रपट की तरह एक सूत्र में बंधी हुई आगे बढ़ती हैं। हर दृश्य, हर घटना का वर्णन इतना मार्मिक, रोमांचक और जीवंत है कि पाठक उसमें आक..
यशस्वी साहित्यकार अमृतलाल नागर की यह कृति ‘गदर के फूल’ सत्तावनी क्रान्ति संबंधी स्मृतियों और किंवदंतियों का प्रामाणिक दस्तावेज़ है। भारत की स्वतन्त्रता के लिए 1857 में क्रान्ति की एक चिंगारी भड़की थी जिसे अंग्रेज़ों ने ‘गदर’ का नाम दिया था। उस काल के व्यक्ति अब छीजते जा रहे हैं। उन्हीं स्मृतियों को ..
‘‘गाँधी काम-भावना की दुर्दम्य शक्ति से जीवनपर्यंत आक्रान्त रहे। उन्होंने ब्रह्मचर्य व्रत, अर्थात पत्नी के साथ शारीरिक सम्बन्ध का त्याग सन् 1906 में ही ले लिया था। पर वे स्त्री-पुरुष सम्बन्ध के आकर्षण से कभी मुक्त नहीं हो सके। जिसे गाँधीजी ने जीवन के उत्तरार्ध में ‘ब्रह्मचर्य प्रयोग’ कहा, उसके गम्भीर..
1947 में भारत का विभाजन बीसवीं सदी की सबसे दुखांत घटना थी, जिसके जख्म अभी तक नहीं पुरि। इसके कारण चार पीढियों की मानसिकता आहत हुई। क्यों हुआ यह बंटवारा? कौन इसके लिए उत्तरदायी थे-जिन्दा, कांग्रेस पार्टी अथवा अंग्रेज? इस पुस्तक के लेखक जसवंत सिंह ने इसका उत्तर खोजने की कोशिश की है-संभवत कोई निश्चित उ..
1947 में भारत का विभाजन बीसवीं सदी की सबसे दुखांत घटना थी, जिसके जख्म अभी तक नहीं पुरि। इसके कारण चार पीढियों की मानसिकता आहत हुई। क्यों हुआ यह बंटवारा? कौन इसके लिए उत्तरदायी थे-जिन्दा, कांग्रेस पार्टी अथवा अंग्रेज? इस पुस्तक के लेखक जसवंत सिंह ने इसका उत्तर खोजने की कोशिश की है-संभवत कोई निश्चित उ..
पाकिस्तान के साथ हुए युद्धों में ‘कारगिल’ सबसे कठिन और ताज़ा युद्ध है। जब पाकिस्तान ने धोखे से, चोरी-छिपे, कारगिल की दुर्गम पहाड़ियों के एक बड़े हिस्से पर अपनी चैकियां बना ली थीं, तब कैसे भारत की थलसेना के वीर जवानों और हमारी वायुसेना ने पाकिस्तानी घुसपैठियों को वहाँ से खदेड़ा, पूरी तरह परास्त किया ..
‘‘अशोक कुमार पाण्डेय की ‘कश्मीरनामा’ हिन्दी में कश्मीर के इतिहास पर एक पथप्रदर्शक किताब है। यह किताब घाटी के उस राजनैतिक इतिहास की उनकी स्पष्ट समझ प्रदर्शित करती है जिसने इसे वैसा बनाया, जैसी यह आज है।’’ -शहनाज बशीर, युवा कश्मीरी उपन्यासकार ‘‘ ‘कश्मीरनामा’ पढ़कर इस बात का सुखद अनुभव होता है कि इसे ए..
‘‘अशोक कुमार पाण्डेय की ‘कश्मीरनामा’ हिन्दी में कश्मीर के इतिहास पर एक पथप्रदर्शक किताब है। यह किताब घाटी के उस राजनैतिक इतिहास की उनकी स्पष्ट समझ प्रदर्शित करती है जिसने इसे वैसा बनाया, जैसी यह आज है।’’ -शहनाज बशीर, युवा कश्मीरी उपन्यासकार ‘‘ ‘कश्मीरनामा’ पढ़कर इस बात का सुखद अनुभव होता है कि इसे ए..
‘खूबसूरती से लिखी गई एक मनोरंजक दास्तान’- वायर। ‘एक पत्थर के रोमांचक सफर के ज़रिए...भारत की कहानी’-ओपन। कोहिनूर दुनिया का सबसे मशहूर हीरा है, लेकिन इस पर हमेशा ही रहस्य का एक पर्दा पड़ा रहा है। अब इसके बारे में सुनी-सुनाई बातों और मिथकों को तार-तार करते हुए विलियम डेलरिंपल और अनिता आनंद ने इसका एक सच्..
हमारी सेना के विशेष अभियान जिनके बारे में जानना ज़रूरी है। अब तक अनदेखी खुफिया सैनिक रिपोर्टो और आंखों देखे बयानों को इस्तेमाल करते हुए पूर्व फौजी और पत्रकार सुशांत सिंह ने विदेशी धरती पर भारतीय सैनिक अभियानों का एक जीवंत इतिहास रचा है। ये भुला दिए गए अभियान मालदीव, श्रीलंका और सिएरा लियोन में चलाए ग..