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Fiction : Stories - Pratinidhi Kahaniyan : Krishna Baldev Vaid

Fiction : Stories - Pratinidhi Kahaniyan : Krishna Baldev Vaid
कृष्ण बलदेव वैद समकालीन हिन्दी कथा-साहित्य में अलग से पहचाने जानेवाले कथा-शिल्पी हैं। उन्हें किसी भी साधारण खाने में रखना कठिन है। इस संग्रह में उनकी चुनिन्दा कहानियाँ शामिल हैं, जिनमें से प्रायः प्रत्येक एक गम्भीर पाठकीय अभिरुचि की माँग करती है, क्योंकि उनके कथा-अभिप्रायों में सीधे-सादे सामाजिक या आर्थिक सन्दर्भ-भर ही नहीं हैं—कई और ऐसे अर्थ भी हैं, जो इकहरी यथार्थवादी रचनाओं में नहीं होते।लिखने की प्रेरणा उन्हें ‘अतीत के उस काले शोर को बार-बार भोगने और बराबर उससे भागते रहने की परस्पर विरोधी विवशताओं’ से मिलती है। इस बारे में उनका यह आत्मस्वीकार भी महत्त्वपूर्ण है कि ‘जैसे वह शोर मेरा अपना है, वह सन्दर्भ (रचना-सन्दर्भ) भी मेरा अपना ही होना चाहिए, अपना ही हो सकता है।’ यथार्थ और अयथार्थ का सारा झमेला अप्रासंगिक है लेकिन इसका आशय यह नहीं कि इन कहानियों में यथार्थ का अभाव है, क्योंकि ‘कलाकार के लिए अयथार्थ कुछ भी नहीं’ होता। निस्सन्देह, कृष्ण बलदेव वैद की ये कहानियाँ उनकी विशिष्ट रचना-दृष्टि, प्रयोगधर्मिता और कसी हुई भाषा-शैली का प्रतिनिधित्व करती हैं।

Fiction : Stories - Pratinidhi Kahaniyan : Krishna Baldev Vaid

Pratinidhi Kahaniyan : Krishna Baldev Vaid - by - Rajkamal Prakashan

Pratinidhi Kahaniyan : Krishna Baldev Vaid -

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  • Stock: 10
  • Model: RKP953
  • Weight: 250.00g
  • Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
  • SKU: RKP953
  • ISBN: 0
  • Total Pages: 147p
  • Edition: 2013, Ed. 2nd
  • Book Language: Hindi
  • Available Book Formats: Paper Back
  • Year: 1990
₹ 50.00
Ex Tax: ₹ 50.00