Raza Pustak Mala - Devnagari Jagat Ki Drishya Sanskriti
“हिन्दी में सभ्यता-समीक्षा कम ही होती है और यह कहा जा सकता है कि यह हिन्दी में विचार और आलोचना की जो परम्परा रही है उससे विपथ होने जैसा है। इधर तो सारा समय हिन्दी में, जैसे कि अन्यत्र भी, देखने-दिखाने में ही बीतता है। इसके बावजूद अभी तक देवनागरी जगत में जो दृश्य संस्कृति विकसित हुई है उसका कोई सुचिन्तित अध्ययन नहीं हुआ है। सदन झा की यह पुस्तक इस सन्दर्भ में पहली ही है : उसमें समझ और जतन से, वैचारिक सघनता और खुलेपन से इस दृश्य संस्कृति के विभिन्न रूपों पर विचार किया गया है। निश्चय ही यह हिन्दी में चालू मानसिकता से अलग कुछ करने का ज़रूरी जोख़िम उठाने जैसा है। हम रज़ा पुस्तक माला में यह पुस्तक सहर्ष प्रस्तुत कर रहे हैं।”—अशोक वाजपेयी
Raza Pustak Mala - Devnagari Jagat Ki Drishya Sanskriti
Devnagari Jagat Ki Drishya Sanskriti - by - Rajkamal Prakashan
Devnagari Jagat Ki Drishya Sanskriti -
- Stock: 10
- Model: RKP413
- Weight: 250.00g
- Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
- SKU: RKP413
- ISBN: 0
- Total Pages: 206p
- Edition: 2018, Ed. 1st
- Book Language: Hindi
- Available Book Formats: Hard Back, Paper Back
- Year: 2018
₹ 250.00
Ex Tax: ₹ 250.00