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Dinkar Granthmala

Dinkar Granthmala
यह पुस्तक 19वीं सदी में यूरोप में नई कविता का जो प्रवर्तन हुआ, उस पर विचार-विमर्श की एक व्यापक ज़मीन तैयार करती है। साथ ही, उसके परिप्रेक्ष्य में भारतीय कविता के विकास-क्रम में शुद्धता का पैमाना क्या रहा, और क्या होना चाहिए, इस पर भी अपना गम्भीर चिन्तन प्रस्तुत करती है। इसे इस तरह भी कह सकते हैं कि ..
₹ 299.00
Ex Tax:₹ 299.00
– ‘सीपी और शंख' रामधारी सिंह ‘दिनकर’ द्वारा अंग्रेज़ी से अनूदित विश्व की श्रेष्ठ कविताओं का संग्रह है। बावजूद इसके ये दिनकर जी के व्यक्तित्व के रूपों को उद्घाटित करती उनकी अपनी मौलिक रचनाएँ भी प्रतीत होती हैं, क्योंकि उन्होंने भावों से प्रेरणा लेते हुए अपनी तरफ़ से ऐसे-ऐसे चित्रों की सृष्टि कर डाली ..
₹ 150.00
Ex Tax:₹ 150.00
उर्वशी और पुरूरवा की प्रेम-कथा का प्रथम उल्लेख ऋग्वेद में मिलता है। इस प्राचीनतम आख्यान को अपने युग के नए अर्थ से जोड़ने का सृजनात्मक प्रयास दिनकर की विलक्षण दृष्टि का परिचय है। वे मानते हैं कि उर्वशी सनातन नारी तो पुरूरवा सनातन नर का प्रतीक है। उर्वशी चक्षु, रसना, घ्राण, त्वक् तथा श्रोत्र की कामनाओ..
₹ 250.00
Ex Tax:₹ 250.00
More Information Language Hindi Format Hard Back, Paper Back Publication Year 2019 Edition Year 2019, 1st Ed. Pages 112p Translator Not Selected Editor Not Selected Publisher Lokbharti Prakashan..
₹ 395.00
Ex Tax:₹ 395.00
यह पुस्तक राष्ट्रकवि रामधारी सिंह ‘दिनकर’ के चिन्तनपूर्ण, लोकोपयोगी निबन्धों का श्रेष्ठ संकलन है। दिनकर जी के चिन्तन-स्वरूप का विस्मयकारी साक्षात्कार करानेवाले ये निबन्ध पाठक के ज्ञान-क्षितिज का विस्तार भी करते हैं। इन निबन्धों में जहाँ एक ओर विवाह, प्रेम, काम, नैतिकता और शिक्षा जैसे विषयों पर विद्व..
₹ 150.00
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