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Communication And Media Studies - Patrakarita : Naya Daur, Naye Pratiman

Communication And Media Studies - Patrakarita : Naya Daur, Naye Pratiman
संतोष भारतीय ने महत्त्वपूर्ण पत्रकारिता की है। वे कुशल संवाददाता रहे हैं और ‘चौथी दुनिया’ से सम्पादन की निपुणता भी दिखा चुके हैं। मगर फ़ैज़ के भाव में ‘कुछ इश्क़ किया कुछ काम किया’ की उधेड़बुन के चलते शायद वे कहीं ठहर-से गए। राजनीति की तरफ़ वे ज़्यादा न झुकते तो और सार्थक काम करते। बहरहाल, उनकी किताब ‘पत्रकारिता : नया दौर, नए प्रतिमान’ सिरे से पढ़ने के क़ाबिल है। इसमें उनके ‘रविवार’ और ‘चौथी दुनिया’ के दिनों के संस्मरण हैं, अपने रपट-रिपोर्ताज हैं और साथ में सम्पादक-उपसम्पादक और संवाददाता आदि की ज़िम्मेवारियों का विवेचन है। इस तरह एक मायने में किताब पत्रकारिता की पाठ्य-पुस्तक बन गई है। साफ़गोई और बेबाक टिप्पणियों के लिए यह किताब अलग से जानी जाएगी। हालाँकि उनके कुछ निष्कर्ष भावुकता-भरे हैं, कुछ से आप शायद सहमत न हों। पर वे बहुत दिलचस्प हैं और हमें हिन्दी पत्रकारिता के एक अहम दौर की घटनाओं पर फिर से सोचने को उकसाते हैं।—ओम थानवी

Communication And Media Studies - Patrakarita : Naya Daur, Naye Pratiman

Patrakarita : Naya Daur, Naye Pratiman - by - Radhakrishna Prakashan

Patrakarita : Naya Daur, Naye Pratiman -

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  • Stock: 2-3 Days
  • Model: RKP3004
  • Weight: 250.00g
  • Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
  • SKU: RKP3004
  • ISBN: 0
  • Total Pages: 311p
  • Edition: 2005, Ed. 1st
  • Book Language: Hindi
  • Available Book Formats: Hard Back, Paper Back
  • Year: 2005
₹ 0.00
Ex Tax: ₹ 0.00