Satire - Jaadu Ki Sarkar - Paperback
‘जादू की सरकार’ हिन्दी के अप्रतिम और अविस्मरणीय व्यंग्यकार शरत जोशी के अब तक अप्रकाशित व्यंग्य-लेखों का संकलन है। रोज़मर्रा के जीवन-संदर्भों को आधार बनाकर लिखे गए इन लेखों में चुभन भी है और गुदगुदाहट भी। इनमें देश की शासन-व्यवस्था की ख़ामियों पर व्यंग्य है, सामाजिक-आर्थिक जीवन की विसंगतियों पर व्यंग्य है और है, आम लोगों की ज़िन्दगी से जुड़ी समस्याओं के हल के लिए की जा रही तमाम नाकाम कोशिशों पर व्यंग्य। व्यंग्यकार ने किसी भी दोष को अनदेखा नहीं किया, न ही किसी घाव या विकृति को ढंकने की कोशिश की है। उनके व्यंग्य सीधे चोट नहीं करते बल्कि अंतर्मन को झकझोरते हैं। शरद जोशी हिन्दी के पहले व्यंग्यकार हैं जिन्होंने व्यंग्य-विधा को काव्यमंच पर प्रतिष्ठित कराकर उसे अपूर्व ऊँचाई और व्यापक लोकप्रियता प्रदान की। व्यंग्य लिखना उनके लिए ज़िन्दगी जी लेने की तरकीब थी। हिन्दी व्यंग्य-रचनाओं में शरद जोशी की लेखन-शैली सबसे अधिक तराशी हुई लगती है। यह तराश संकलन के लेखों में भी स्पष्ट दिखाई देती है।-प्रकर। ‘जादू की सरकार’ में शरद जोशी ने समाज की सड़न को इस रूप में अनावृत्त किया है कि वह चुभती भी है और गुदगुदाती भी है।-रांची एक्सप्रेस। दैनिक जीवन की छोटी-से-छोटी किन्तु महत्त्वपूर्ण समस्या पर जिस बारीकी से इन व्यंग्यों में अभिव्यक्ति मिली है वह अन्यत्र मिलना कठिन है।-नवनीत।
Satire - Jaadu Ki Sarkar - Paperback
Jaadu Ki Sarkar - Paperback - by - Rajpal And Sons
Jaadu Ki Sarkar - Paperback -
- Stock: 10
- Model: RAJPAL345
- Weight: 250.00g
- Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
- SKU: RAJPAL345
- ISBN: 9788170282273
- ISBN: 9788170282273
- Total Pages: 144
- Book Language: Hindi
- Available Book Formats: Paperback
- Year: 2017
₹ 195.00
Ex Tax: ₹ 195.00