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Biography - Swatantroyottar Hindi Natak : Mulya-Sankraman

Biography - Swatantroyottar Hindi Natak : Mulya-Sankraman
स्वाधीनता प्राप्ति के बाद हमारे देश में उपजी एक ज्वलन्त समस्या है मानवमूल्य-संक्रमण। डॉ. ज्योतीश्वर मिश्र ने स्वातंत्र्योत्‍तर हिन्दी नाटकों में दर्शित इस मूल्य-संक्रमण का गम्भीर और प्रामाणिक विवेचन ग्रन्थ में किया है। इसमें स्वतंत्रता के बाद लिखे गए लगभग सौ नाटकों को उपयुक्त उद्धरणों सहित सन्दर्भित किया गया है। स्पष्ट है कि अध्ययन कुछ इने-गिने चर्चित नाटकों तक ही सीमित नहीं रहा। यह लेखक की श्रमशीलता का तथा ग्रंथ की विवेचन-पद्धति उसकी प्रौढ़ दृष्टि का स्पष्ट परिचय देती है। नाटकों के कथ्य तथा शिल्प पर लेखक द्वारा की गई टिप्पणियाँ बहुत ही सार्थक एवं व्यंजक हैं। ग्रंथ की भाषा विषयवस्तु के सर्वथा अनुरूप, प्रभावशाली तथा प्रवाहपूर्ण है। मेरा दृढ़ विश्वास है कि साहित्य और समाजशास्त्र दोनों विषयों के अध्येता इस ग्रंथ से बहुत लाभान्वित होंगे।—प्रोफ़ेसर मोहन अवस्थी

Biography - Swatantroyottar Hindi Natak : Mulya-Sankraman

Swatantroyottar Hindi Natak : Mulya-Sankraman - by - Lokbharti Prakashan

Swatantroyottar Hindi Natak : Mulya-Sankraman - स्वाधीनता प्राप्ति के बाद हमारे देश में उपजी एक ज्वलन्त समस्या है मानवमूल्य-संक्रमण। डॉ.

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  • Stock: 2-3 Days
  • Model: RKP3801
  • Weight: 250.00g
  • Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
  • SKU: RKP3801
  • ISBN: 0
  • Total Pages: 228p
  • Edition: 2007, Ed. 1st
  • Book Language: Hindi
  • Available Book Formats: Hard Back
  • Year: 2007
₹ 0.00
Ex Tax: ₹ 0.00