Raza Pustak Mala - Asahmati Mein Utha Ek Hath : Raghuvir Sahay Ki Jeewani
रघुवीर सहाय का जीवन-भर का काम प्रभूत और बहुमुखी है, जैसा कि इस जीवनी से एक बार और स्पष्ट होगा। इतना बहुमुखी और इतना मौलिक है कि सब कुछ पर यहाँ लिखा भी नहीं जा सका लेकिन उनके सोच के दायरे में आनेवाली कुछ चीज़ों का संकेत और सार यहाँ है, जिन पर अभी तक दुर्भाग्य से हमारा ध्यान नहीं गया है। मेरे ख़याल से उन बातों को भी जीवनी का अंग बनाना चाहिए, जो किसी लेखक के यहाँ अलग से दिखाई देती हैं और साहसिक ढंग से दिखाई देती हैं। उनकी कविताओं-कहानियों का कोई मूल्यांकन यहाँ करने से यथासम्भव बचा गया है, क्योंकि मेरे मत में यह जीवनी का काम नहीं है और रघुवीर जी के मूल्यांकन की बहुत-सी अच्छी कोशिशें हुई भी हैं। यहाँ प्रयत्न यह है कि उन्होंने ख़ुद अपने काम के बारे में क्या कहा है, क्या बताया है, यह अधिकाधिक सामने लाया जाए।एक आपत्ति यह हो सकती है कि किताब रघुवीर जी के बारे में कुछ अधिक प्रशंसात्मक हो गई है। अगर यह सही है तो इसका 'दोष' कुछ हद तक रघुवीर जी के व्यक्तित्व में है, कुछ उनके बारे में अच्छी-अच्छी बातें करनेवालों में और अन्त में सबसे अधिक मेरा है।—विष्णु नागर (प्रस्तावना से)
Raza Pustak Mala - Asahmati Mein Utha Ek Hath : Raghuvir Sahay Ki Jeewani
Asahmati Mein Utha Ek Hath : Raghuvir Sahay Ki Jeewani - by - Rajkamal Prakashan
Asahmati Mein Utha Ek Hath : Raghuvir Sahay Ki Jeewani -
- Stock: 10
- Model: RKP1774
- Weight: 250.00g
- Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
- SKU: RKP1774
- ISBN: 0
- Total Pages: 398p
- Edition: 2019, 1st Ed.
- Book Language: Hindi
- Available Book Formats: Hard Back, Paper Back
- Year: 2019
₹ 499.00
Ex Tax: ₹ 499.00