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Poetry - Digant

Poetry - Digant
‘दिगंत’ में कवि त्रिलोचन के कुछ सॉनेट संकलित हैं। हिन्दी में सॉनेट तो प्रसाद, पन्त, निराला आदि अन्य कवियों ने भी लिखे हैं, लेकिन त्रिलोचन ने सॉनेट के रूप में विविध प्रकार के नए प्रयोग कर सॉनेट को हिन्दी कविता में मानो अपना लिया है। जीवन के अनेक प्रसंगों की मार्मिक और व्यंग्यपूर्ण अभिव्यंजना इन कविताओं में हुई है।त्रिलोचन के सॉनेटों की भावभूमि छायावाद नहीं है, और न प्रयोगवादी ही, यद्यपि भाषा, लय और विन्यास सर्वथा नवीन और चमत्कारपूर्ण हैं। जीवन के वैषम्यों की गहरी चेतना होने के कारण ही त्रिलोचन का दृष्टिकोण आशावादी है और उन्होंने अपनी अनुभूतियों को नई भाषा में ढालकर तीखी अभिव्यक्ति दी है जो सीधे हृदय पर चोट करती है।—शिवदान सिंह चौहान

Poetry - Digant

Digant - by - Rajkamal Prakashan

Digant -

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  • Stock: 10
  • Model: RKP201
  • Weight: 250.00g
  • Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
  • SKU: RKP201
  • ISBN: 0
  • Total Pages: 67p
  • Edition: 2006, Ed. 2nd
  • Book Language: Hindi
  • Available Book Formats: Hard Back
  • Year: 1957
₹ 125.00
Ex Tax: ₹ 125.00