Classics - Achhoot - Paperback
डा. मुल्कराज आनंद की गणना 20वीं सदी के उन महान भारतीय लेखकों में की जाती है जिन्होंने अंग्रेज़ी में लिखते हुए भी देशी सरोकारों को नहीं भुलाया और चाय बगानों में काम करने वाले मज़दूरों, कुलियों, अछूतों को अपने लेखन का विषय बनाया। इस दृष्टि से उन्हें चार्ल्स डिकेन्स और प्रेमचन्द की लीक का साहित्यकार माना जाता है। 1930 के दशक के शुरू में इंग्लैण्ड प्रवास में ‘प्रोग्रेसिव राइटर्स एसोसिएशन’ की स्थापना की और उसे अपना समर्थन तथा सहयोग देने के लिए प्रेमचन्द को प्रेरित किया। डा. आनन्द अपनी अन्तिम साँस तक पी.आर.ए. से जुड़े रहे। अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति के कला-मर्मज्ञ के रूप में भी डा. आनन्द का महत्व अक्षुण्ण है। अनेक दशकों तक उन्होंने भारतीय कला की अनूठी पत्रिका ‘मार्ग’ का सम्पादन किया और भारतीय संस्कृति एवं कला से सम्बन्धित कई ग्रन्थों की रचना की। वे सही मायनों में भारतीय साहित्य, संस्कृति और सामाजिक जीवन के शताब्दी पुरुष थे। पूरी सदी जी कर उन्होंने अन्तिम साँस ली। ‘कुली’, ‘अनटचेबल’, ‘टू लीव्स एण्ड ए बड’ उनके महत्त्वपूर्ण उपन्यास हैं।
Classics - Achhoot - Paperback
Achhoot - Paperback - by - Rajpal And Sons
Achhoot - Paperback - डा.
- Stock: 10
- Model: RAJPAL102
- Weight: 250.00g
- Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
- SKU: RAJPAL102
- ISBN: 9789350641484
- ISBN: 9789350641484
- Total Pages: 144
- Book Language: Hindi
- Available Book Formats: Paperback
- Year: 2016
₹ 235.00
Ex Tax: ₹ 235.00