Fiction - Taapsi - Paperback
‘‘एक समर्थ उपन्यास के रूप में तापसी की गणना आज के गिने-चुने उपन्यासों में निश्चित की जाएगी। इसमें लेखिका ने जो प्रश्न उभार दिये हैं उनका महत्त्व रचना की कलात्मक गुणवत्ता से कहीं अधिक है।’’ - डा. महीप सिंह, वरिष्ठ लेखक ‘‘तापसी उपन्यास समाज को अपने ही गिरेबान में झाँकने के लिए प्रेरित करता है, तथाकथित धर्म के ठेकेदारों, दानदाताओं और समाजसेवा की आड़ में अपने स्वार्थ, अपनी वासना को पालने-पोसने वालों के चेहरों पर पड़ी भद्रता का नकाब नोचने का काम करता है। उपन्यास में कई सूत्र हैं, वाक्य हैं, जो लैम्प पोस्ट की तरह बहुत दूर रोशनी फैलाते हैं और चिंतन के मार्ग को प्रशस्त करते हैं।’’ श्रीराम दवे, कार्यकारी संपादक समावर्तन सुपरिचित लेखिका कुसुम अंसल के अब तक सात उपन्यास, पाँच कविता-संग्रह, पाँच कहानी-संग्रह, तीन यात्रा वृत्तान्त प्रकाशित हो चुके हैं। हिन्दी साहित्य में योगदान के लिए उन्हें ‘भारतीय भाषा परिषद् समग्र सम्मान’ (2019), ‘आचार्य विद्यानिवास मिश्र स्मृति सम्मान’ (2013), हिन्दी संस्थान का ‘साहित्य भूषण सम्मान’ (2005), हिन्दी अकादमी का ‘साहित्यकार सम्मान’ (2004-05), उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान भारत भारती का ‘महादेवी पुरस्कार’ (2001) से सम्मानित किया जा चुका है।
Fiction - Taapsi - Paperback
Taapsi - Paperback - by - Rajpal And Sons
Taapsi - Paperback - ‘‘एक समर्थ उपन्यास के रूप में तापसी की गणना आज के गिने-चुने उपन्यासों में निश्चित की जाएगी। इसमें लेखिका ने जो प्रश्न उभार दिये हैं उनका महत्त्व रचना की कलात्मक गुणवत्ता से कहीं अधिक है।’’ - डा.
- Stock: 10
- Model: RAJPAL111
- Weight: 250.00g
- Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
- SKU: RAJPAL111
- ISBN: 9789386534835
- ISBN: 9789386534835
- Total Pages: 224
- Book Language: Hindi
- Available Book Formats: Paperback
- Year: 2019
₹ 295.00
Ex Tax: ₹ 295.00