Short stories - Ugra Ki Shrestha Kahaniyaan - Paperback
उग्र का साहित्य अपने समय में काफी विवादास्पद रहा। लेकिन इससे यह तथ्य नहीं नकारा जा सकता कि वह हिन्दी के एक महत्त्वपूर्ण शैलीकार थे। उनके कथा-साहित्य में जीवन और समाज के प्रति तीव्र कटाक्ष और विरोध स्पष्ट झलकता है जिसके कारण वे कई बार विवाद का केन्द्र-बिन्दु बने। उनकी कहानियों के बारे में कहा जाता है कि उन्होंने क्रांतिकारी कहानी की शुरुआत की। उनकी आरंभिक दो कहानियाँ ‘बलिदान’ और ‘धु्रव धारणा’, जो इस पुस्तक में सम्मिलित हैं, राष्ट्रीय स्वाधिनता आंदोलन से प्रेरित थीं। बाद की उनकी कहानियों में तथाकथित आज़ादी का छद्म उजागर होता है। कहानियों के अतिरिक्त उन्होंने कई उपन्यास और अपनी आत्मकथा भी लिखी।
Short stories - Ugra Ki Shrestha Kahaniyaan - Paperback
Ugra Ki Shrestha Kahaniyaan - Paperback - by - Rajpal And Sons
Ugra Ki Shrestha Kahaniyaan - Paperback -
- Stock: 10
- Model: RAJPAL979
- Weight: 250.00g
- Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
- SKU: RAJPAL979
- ISBN: 9789350643242
- ISBN: 9789350643242
- Total Pages: 256
- Book Language: Hindi
- Available Book Formats: Paperback
- Year: 2015
₹ 235.00
Ex Tax: ₹ 235.00