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Poetry - Kamayani

Poetry - Kamayani
प्रसाद जी ने प्राचीन भारतीय ग्रन्थों से कामायनी-कथा की प्रेरणा प्राप्त की और भारतीय दर्शन के योग से उसका निरूपण किया। उपनिषदों का अद्वैत, शैव-दर्शन की समरसता, आनन्द, बौद्धों की करुणा—सभी की छाया के दर्शन इसमें होते हैं। चिन्तन-मनन अथवा यों कहें कि दार्शनिकता और काव्य का अद् भुत सामंजस्य ‘कामायनी’ में देखने को मिलता है। ‘कामायनी’ का मनु अपने कठिन संघर्ष के बाद जीवन में समरसता स्थापित कर आनन्द प्राप्त कर लेता है। यह श्रद्धाजन्य आनन्द ही ‘कामायनी’ का लक्ष्य है। देश, काल और जाति की सीमाओं से ऊपर उठकर, मानव और मानवता की विषय-वस्तु के साथ कामायनी नए युग का गौरवशाली महाकाव्य बन गया है।

Poetry - Kamayani

Kamayani - by - Lokbharti Prakashan

Kamayani -

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  • Stock: 10
  • Model: RKP3542
  • Weight: 250.00g
  • Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
  • SKU: RKP3542
  • ISBN: 0
  • Total Pages: 114p
  • Edition: 2008, Ed. 1st
  • Book Language: English
  • Available Book Formats: Hard Back, Paper Back
  • Year: 2008
₹ 75.00
Ex Tax: ₹ 75.00