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Literary - Kya Bhooloon Kya Yaad Karoon - Hardbound

Literary - Kya Bhooloon Kya Yaad Karoon - Hardbound
प्रख्यात हिन्दी कवि हरिवंशराय ‘बच्चन’ की आत्मकथा का पहला खंड, ‘‘क्या भूलूँ क्या याद करूँ’’, जब 1969 में प्रकाशित हुआ तब हिन्दी साहित्य में मानो हलचल-सी मच गई। यह हलचल 1935 में प्रकाशित ‘‘मधुशाला’’ से किसी भी प्रकार कम नहीं थी। अनेक समकालीन लेखकों ने इसे हिन्दी के इतिहास की ऐसी पहली घटना बताया जब अपने बारे में इतनी बेबाक़ी से सब कुछ कह देने का साहस किसी ने दिखाया। इसके बाद आत्मकथा के आगामी खंडों की बेताबी से प्रतीक्षा की जाने लगी और उन सभी का ज़ोरदार स्वागत होता रहा। प्रथम खंड ‘‘क्या भूलूँ क्या याद करूँ’’ के बाद ‘‘नीड़ का निर्माण फिर’’, ‘‘बसेरे से दूर’’ और ‘‘‘दशद्वार’ से ‘सोपान’ तक’’ लगभग पंद्रह वर्षों में इसके चार खंड प्रकाशित हुए। बच्चन की यह कृति आत्मकथा साहित्य की चरम परिणति है और इसकी गणना कालजयी रचनाओं में की जाती है।

Literary - Kya Bhooloon Kya Yaad Karoon - Hardbound

Kya Bhooloon Kya Yaad Karoon - Hardbound - by - Rajpal And Sons

Kya Bhooloon Kya Yaad Karoon - Hardbound -

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  • Stock: 10
  • Model: RAJPAL127
  • Weight: 250.00g
  • Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
  • SKU: RAJPAL127
  • ISBN: 9788170281344
  • ISBN: 9788170281344
  • Total Pages: 256
  • Book Language: Hindi
  • Available Book Formats: Hardbound
  • Year: 2016
₹ 350.00
Ex Tax: ₹ 350.00