Literary - Aur Panchhi Ud Gaya - Hardbound
यशस्वी साहित्यकार विष्णु प्रभाकर की बहुप्रतीक्षित आत्मकथा...साथ ही पूरी एक सदी के साहित्यिक जीवन तथा समाज और देश का चारों ओर दृष्टि डालता आईना और दस्तावेज़। विष्णु प्रभाकर अपने सुदीर्घ जीवन में साहित्य के अतिरिक्त सामाजिक नवोदय तथा स्वतंत्रता-संग्राम से भी पूरी अंतरंगता से जुड़े रहे-रंगमंच, रेडियो तथा दूरदर्शन सभी में वे आरंभ से ही सक्रिय रहे। शरत्चन्द्र चटर्जी के जीवन पर लिखी उनकी बहुप्रशंसित कृति ‘आवारा मसीहा’ की तरह यह भी अपने ढंग की विशिष्ट रचना है। यह आत्मकथा तीन खंडों में प्रकाशित है : पंखहीन (प्रथम खंड), मुक्त गगन में (द्वितीय खंड), और पंछी उड़ गया (तृतीय खंड)
Literary - Aur Panchhi Ud Gaya - Hardbound
Aur Panchhi Ud Gaya - Hardbound - by - Rajpal And Sons
Aur Panchhi Ud Gaya - Hardbound - यशस्वी साहित्यकार विष्णु प्रभाकर की बहुप्रतीक्षित आत्मकथा.
- Stock: 10
- Model: RAJPAL673
- Weight: 250.00g
- Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
- SKU: RAJPAL673
- ISBN: 9788170284772
- ISBN: 9788170284772
- Total Pages: 204
- Book Language: Hindi
- Available Book Formats: Hardbound
- Year: 2015
₹ 275.00
Ex Tax: ₹ 275.00