कट्टरता और इस्लाम के नाम पर आज आतंक चारों ओर फैल रहा है, जिसमें हज़ारों निरपराध, असहाय, स्त्री-पुरुषों को गोलियों का शिकार होना पड़ रहा है और जिसे रोकने के लिए अनेक देशों के सम्मिलित प्रयास भी पूरी तरह सफल नहीं हो पा रहे हैं। इसी समस्या के विभिन्न पक्षों पर गंभीरता से विचार करते हुए यह पुस्तक सामयिक भ..