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General - Zindagi Ik Udas Ladki Hai - Paperback

General - Zindagi Ik Udas Ladki Hai - Paperback
‘‘मैं रोज़ यही सोच कर तो सोता हूँ कि कल से वक़्त निकालूँगा ज़िन्दगी के लिए पहले पानी को और हवा को बचाओ ये बचा लो तो फिर ख़ुदा को बचाओ गले मिलते हमें देखे न कोई बहुत मशहूर है झगड़ा हमारा ख़बर कर दी गई है मेज़बाँ को उदासी भी हमारे साथ होगी अगर दुबारा बनी ये दुनिया तो पहले तेरी गली बनेगी’’ -इसी पुस्तक से उभरते शायरों की फ़ेहरिस्त में स्वप्निल तिवारी एक ऐसे शायर हैं जो बिलकुल आम बोलचाल की भाषा में शे‘र कहते हैं। 6 अक्टूबर, 1984 को गाज़ीपुर में जन्मे स्वप्निल तिवारी ने बायोटेक में बी.एससी. करने के बाद शायरी की तरफ़ रुख़ किया। फ़िल्म, टीवी और वेबसीरीज़ के लिए नियमित लिखते हैं और साथ ही फ़िल्मी गाने भी। चाँद डिनर पर बैठा है के बाद यह उनका दूसरा ग़ज़ल-संग्रह है।

General - Zindagi Ik Udas Ladki Hai - Paperback

Zindagi Ik Udas Ladki Hai - Paperback - by - Rajpal And Sons

Zindagi Ik Udas Ladki Hai - Paperback - ‘‘मैं रोज़ यही सोच कर तो सोता हूँ कि कल से वक़्त निकालूँगा ज़िन्दगी के लिए पहले पानी को और हवा को बचाओ ये बचा लो तो फिर ख़ुदा को बचाओ गले मिलते हमें देखे न कोई बहुत मशहूर है झगड़ा हमारा ख़बर कर दी गई है मेज़बाँ को उदासी भी हमारे साथ होगी अगर दुबारा बनी ये दुनिया तो पहले तेरी गली बनेगी’’ -इसी पुस्तक से उभरते शायरों की फ़ेहरिस्त में स्वप्निल तिवारी एक ऐसे शायर हैं जो बिलकुल आम बोलचाल की भाषा में शे‘र कहते हैं। 6 अक्टूबर, 1984 को गाज़ीपुर में जन्मे स्वप्निल तिवारी ने बायोटेक में बी.

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  • Stock: 10
  • Model: RAJPAL971
  • Weight: 250.00g
  • Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
  • SKU: RAJPAL971
  • ISBN: 9789389373530
  • ISBN: 9789389373530
  • Total Pages: 112
  • Book Language: Hindi
  • Available Book Formats: Paperback
  • Year: 2020
₹ 165.00
Ex Tax: ₹ 165.00