मुंशी प्रेमचन्द की गिनती हिन्दी के सर्वश्रेष्ठ कहानी-लेखकों में की जाती है। 1880 में उनका जन्म वाराणसी के एक छोटे से गांव लमही में एक साधारण परिवार में हुआ था। उनका घर का नाम धनपतराय था। स्कूल में अध्यापन का कार्य करते हुए उन्होंने कहानियां और उपन्यास लिखने शुरू किये। उन्होंने सैकड़ों कहानियां और एक ..
निश्चित रूप से कुछ कहानियां ऐसी हैं जो सदियों से सभी का शिक्षाप्रद मनोरंजन करती आ रही हैं। जातक कथाएं उनमें प्रमुख हैं। यह कहानियां बार-बार पढ़ी जाएंगी और सभी आयु वर्गों को आकर्षित करती रहेंगी। चतुराई और बुद्धिमत्ता से भरी हमारी प्राचीन कहानियों और 'हितोपदेश' की तरह जातक कथाएं भी उतनी ही रोचक हैं। ह..
निश्चित रूप से कुछ कहानियां ऐसी हैं जो सदियों से सभी का शिक्षाप्रद मनोरंजन करती आ रही हैं। जातक कथाएं उनमें प्रमुख हैं। यह कहानियां बार-बार पढ़ी जाएंगी और सभी आयु वर्गों को आकर्षित करती रहेंगी। चतुराई और बुद्धिमत्ता से भरी हमारी प्राचीन कहानियों और 'हितोपदेश' की तरह जातक कथाएं भी उतनी ही रोचक हैं। ह..
निश्चित रूप से कुछ कहानियां ऐसी हैं जो सदियों से सभी का शिक्षाप्रद मनोरंजन करती आ रही हैं। जातक कथाएं उनमें प्रमुख हैं। यह कहानियां बार-बार पढ़ी जाएंगी और सभी आयु वर्गों को आकर्षित करती रहेंगी। चतुराई और बुद्धिमत्ता से भरी हमारी प्राचीन कहानियों और 'हितोपदेश' की तरह जातक कथाएं भी उतनी ही रोचक हैं। ह..
मुंशी प्रेमचन्द की गिनती हिन्दी के सर्वश्रेष्ठ कहानी-लेखकों में की जाती है। 1880 में उनका जन्म वाराणसी के एक छोटे से गांव लमही में एक साधारण परिवार में हुआ था। उनका घर का नाम धनपतराय था। स्कूल में अध्यापन का कार्य करते हुए उन्होंने कहानियां और उपन्यास लिखने शुरू किये। उन्होंने सैकड़ों कहानियां और एक..
सूखे मेवे बेचने वाले एक बूढ़े अफ़गानी और एक नन्ही बच्ची के बीच किस तरह किसी बाप-बेटी जैसा पवित्र प्रेम विकसित हुआ है, रवीन्द्रनाथ टैगोर ने अपनी इस अनुपम कहानी में यही चित्रित किया है। इस कहानी की गिनती बच्चों के लिए लिखी गई महान पुस्तकों में की जाती है। दुनिया भर में पढ़ी और सराही गई इस महान कहानी को ह..