Asia - Namak Ka Daroga - Paperback
मुंशी प्रेमचन्द की गिनती हिन्दी के सर्वश्रेष्ठ कहानी-लेखकों में की जाती है। 1880 में उनका जन्म वाराणसी के एक छोटे से गांव लमही में एक साधारण परिवार में हुआ था। उनका घर का नाम धनपतराय था। स्कूल में अध्यापन का कार्य करते हुए उन्होंने कहानियां और उपन्यास लिखने शुरू किये। उन्होंने सैकड़ों कहानियां और एक दर्जन के लगभग उपन्यास लिखे जिनमें से गोदान, ग़बन, सेवासदन, रंगभूमि, कायाकल्प और निर्मला बहुत प्रसिद्ध हैं। 1936 में उनका देहान्त हुआ।
Asia - Namak Ka Daroga - Paperback
Namak Ka Daroga - Paperback - by - Rajpal And Sons
Namak Ka Daroga - Paperback -
- Stock: 10
- Model: RAJPAL718
- Weight: 250.00g
- Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
- SKU: RAJPAL718
- ISBN: 9788174830982
- ISBN: 9788174830982
- Total Pages: 32
- Book Language: Hindi
- Available Book Formats: Paperback
- Year: 2017
₹ 45.00
Ex Tax: ₹ 45.00