सन् 1857 के विद्रोह का क्षेत्र विशाल और विविध था। आज़ादी की इस लड़ाई में विभिन्न वर्गों, जातियों, धर्मों और समुदाय के लोगों ने जितने बड़े पैमाने पर अपनी आहुति दी, उसकी मिसाल तो विश्व इतिहास में भी कम ही मिलेगी। इस महाविद्रोह को विश्व के समक्ष, उसके सही परिप्रेक्ष्य में प्रस्तुत करने का महत् कार्य कार्ल..
1965 भारत-पाक युद्ध की अनकही कहानी
1965 का युद्ध वर्ष 1947 में हुए विभाजन के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच पहला पूर्ण युद्ध था।
भारत के तत्कालीन रक्षा मंत्री वाई.बी. चह्वाण ने 22 दिन तक चले इस युद्ध का विवरण स्वयं अपनी डायरी में दर्ज किया था। इस पुस्तक में बताई गई अंदरूनी बातों से पता चलता है—
• प..
भारत व पाकिस्तान के बीच हुए सन् 1965 के ऐतिहासिक युद्ध को पचास वर्ष से अधिक हो गए हैं। यह पुस्तक उस युद्ध के वीरों, हुतात्माओं और उनके पराक्रम की शौर्यगाथा है। 1 सितंबर, 1965 को पाकिस्तान द्वारा जम्मू व कश्मीर के छंब जिले पर हमले से ऐसे युद्ध की शुरुआत हुई, जिसमें बड़े पैमाने पर हथियारों व सैन्य-शक्..
गायत्रीबाला पंडा की कविताएँ समकालीन काव्य-जगत में अपनी अलग पहचान रखती हैं। अपने ब्योरों और रंग-ढंग में अद्वितीय। दया नदी की कविताएँ इसका प्रमाण हैं। ये कविताएँ इतिहास प्रसिद्ध कलिंग युद्ध पर आधारित हैं, जिनमें दया नदी उस ऐतिहासिक युद्ध के दौरान हुए भीषण रक्तपात के बरअक्स मानवीय करुणा और संवेदना के प..
द्वितीय विश्वयुद्ध सन् 1939 से 1945 तक चलने वाला विश्व-स्तरीय युद्ध था। लगभग 70 देशों की थल, जल, वायु सेनाएँ इस युद्ध में सम्मलित थीं और विश्व दो भागों में बँटा हुआ था—मित्र राष्ट्र और धरी राष्ट्र। इस युद्ध में विभिन्न राष्ट्रों के लगभग 10 करोड़ सैनिकों ने हिस्सा लिया। यह मानव इतिहास का सबसे घ..
अनुक्रमऐतिहासिक पृष्ठभूमि — Pgs. 91. भारत की भूमि पर राजस्थान — Pgs. 132. अकबर का मेवाड़ अभियान — Pgs. 393. हल्दीघाटी — Pgs. 574. अकबर मेवाड़ में — Pgs. 735. महाराणा का प्रतिरोध — Pgs. 86परिशिष्ट—शिलालेख — Pgs. 123महाराणा प्रताप का परिवार — Pgs. 125महाराणा प्रताप के जीवन से जुड़े..
भारत-पाक संबंधों में कश्मीर एक ऐसा विषय है, जिसकी सभी चर्चा करते हैं और उसके समाधान के लिए सुझाव भी देते हैं-बिना उसकी ऐतिहासिक पृष्ठभूमि के विशेष ज्ञान के।
प्रस्तुत पुस्तक ' कश्मीर : निरंतर युद्ध के साए में' जम्मू-कश्मीर को आधार बनाकर लिखी गई है, जो स्वाधीनता-प्राप्ति के बाद सदैव अशांति की आ..
औद्योगिक क्रांति के कारण सभी बड़े देश ऐसे उपनिवेश चाहते थे, जहाँ से वे कच्चा माल पा सकें तथा मशीनों से बनाई हुई वस्तुएँ बेच सकें। इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए सैनिक शक्ति बढ़ाई गई और गुप्त कूटनीतिक संधियाँ की गईं। इससे राष्ट्रों में अविश्वास और वैमनस्य बढ़ा और युद्ध अनिवार्य हो गया। ऑस्ट्रि..
अयोध्या का मतलब है, जिसे शत्रु जीत न सके। युद्ध का अर्थ हम सभी जानते हैं। योध्य का मतलब, जिससे युद्ध किया जा सके। मनुष्य उसी से युद्ध करता है, जिससे जीतने की संभावना रहती है। यानी अयोध्या के मायने हैं, जिसे जीता न जा सके। पर अयोध्या के इस मायने को बदल ये तीन गुंबद राष्ट्र की स्मृति में दर्ज हैं। ये ..
अयोध्या का मतलब है, जिसे शत्रु जीत न सके। युद्ध का अर्थ हम सभी जानते हैं। योध्य का मतलब, जिससे युद्ध किया जा सके। मनुष्य उसी से युद्ध करता है, जिससे जीतने की संभावना रहती है। यानी अयोध्या के मायने हैं, जिसे जीता न जा सके। पर अयोध्या के इस मायने को बदल ये तीन गुंबद राष्ट्र की स्मृति में दर्ज हैं। ये ..