‘‘वह एक सामान्य-सा दिन था - चेन्नई की अन्ना यूनिवर्सिटी के परिसर में ‘संकल्पना से लक्ष्य तक’ विषय पर मेरा एक व्याख्यान हुआ था जो एक घंटे से बढ़ कर दो घंटे का हो गया था। उसके बाद मैंने शोध छात्रों के साथ भोजन किया और फिर क्लास में गया। शाम को जब अपने कमरे में लौट रहा था, वाइस-चांसलर प्रोफेसर ए. कलानि..
‘‘वह एक सामान्य-सा दिन था - चेन्नई की अन्ना यूनिवर्सिटी के परिसर में ‘संकल्पना से लक्ष्य तक’ विषय पर मेरा एक व्याख्यान हुआ था जो एक घंटे से बढ़ कर दो घंटे का हो गया था। उसके बाद मैंने शोध छात्रों के साथ भोजन किया और फिर क्लास में गया। शाम को जब अपने कमरे में लौट रहा था, वाइस-चांसलर प्रोफेसर ए. कलानि..