डा. मुल्कराज आनंद की गणना 20वीं सदी के उन महान भारतीय लेखकों में की जाती है जिन्होंने अंग्रेज़ी में लिखते हुए भी देशी सरोकारों को नहीं भुलाया और चाय बगानों में काम करने वाले मज़दूरों, कुलियों, अछूतों को अपने लेखन का विषय बनाया। इस दृष्टि से उन्हें चार्ल्स डिकेन्स और प्रेमचन्द की लीक का साहित्यकार मा..
आदिवासी नहीं नाचेंगे झारखंड की पृष्ठभूमि पर लिखी कहानियाँ हैं जो एक तरफ तो अपने जीवन्त किरदारों के कारण पाठक के दिल में घर कर लेती हैं, और दूसरी तरफ वर्तमान राजनीतिक और सामाजिक यथार्थ की ऐसी तस्वीर दिखाती हैं, जो वहाँ के मूल वासियों के प्रति हमारी मानसिकता और व्यवहार पर पुनर्विचार करने को मजबूर करती..
दिल्ली से जौनपुर यात्रा करते हुए डा. कलाम एक बार बादशाहनगर नामक छोटे-से स्थान पर चाय पीने के लिए रुके। सड़क की हालत खस्ता थी और पूछने पर पता चला कि बिजली, पानी और स्कूल की बेहद कमी है लेकिन मोबाइल से पैसे ट्रांसफर करने की सुविधा के जगह-जगह विज्ञापन लगे थे तथा कंप्यूटर प्रशिक्षण और अंग्रेज़ी भाषा सिख..
रस्टी की कहानी-किस्से अनेक वर्षों से पाठकों का भरपूर मनोरंजन करते आ रहे हैं। लोकप्रिय लेखक रस्किन बाॅन्ड के पात्र रस्टी में काफ़ी हद तक लेखक की अपनी छवि की झलक मिलती है। जैसे रस्किन बाॅन्ड का बचपन देहरादून की हरी-भरी वादियों में बीता, उसी तरह रस्टी भी देहरादून में बड़ा होता है। रस्टी के अनेक दोस्तए ..
रोबेर्तो आल्र्ट (1900-1942) अर्जेंटीना के एक जाने माने पत्रकार व लेखक थे जिन्होंने कई उपन्यास और कहानियाँ लिखीं। रोबेर्तो आल्र्ट लैटिन अमेरिकन साहित्य में उतना ही प्रतिष्ठित और उल्लेखनीय स्थान रखते हैं जितना गेब्रियल गार्सिया मार्केज़ और इसाबेल अल्लेंदे। 1931 में प्रकाशित अग्नि अस्त्र रोबेर्तो आल्र्..
अजब-गजब मेरी दुनिया के चहेते लेखक रस्किन बॉन्ड अपनी पैनी नज़र और व्यंग्य की स्याही में डूबी कलम से आस-पास की जगहों, लोगों, जीव-जन्तुओं, दूर-पास के कुछ सिरफिरे रिश्तेदारों, यहाँ तक कि अपने साथ भी समय-असमय घटित अद्भुत घटनाओं को चटखारे ले-लेकर वर्णित करते हैं। इस पुस्तक में उनकी यह अनूठी बयानबाजी कभी प..