भारत में पंचायती राज एक विश्लेषणात्मक, जानकारीपरक एवं अत्यंत महत्वपूर्ण कृति है, जिसमें पंचायती राजतंत्र के सभी पहलुओं का विस्तृत विवेचन किया गया है। भारतीय लोकतंत्र में पंचायतें आज विधायिका, कार्यपालिका तथा न्यायपालिका के बाद शासन प्रणाली के चतुर्थ स्तंभ के रूप में उभरी हैं। पंचायतें भविष्य में औ..
भारत की आत्मा गाँवों में बसती है। ग्राम-व्यवस्था वस्तुतः राष्ट्र-व्यवस्था की बुनियाद है। यही कारण है कि हमारे राष्ट्रनायकों ने सामाजिक उन्नयन, आर्थिक विकास, सांस्कृतिक प्रगति और राजनीतिक चेतना की दृष्टि से गाँवों को पर्याप्त महत्त्व दिया है। सबका मानना है कि भारत के विकास का रास्ता गाँवों से होकर गु..
पंचायत की पद्धति अपने देश के लिए कोई नई नहीं है। आदिवासी हों या मूलवासी, सभी में हजारों वर्षों से पंचायत की अपनी एक ठोस परंपरा रही है। सुख-दुःख से लेकर लड़ाई-झगड़ों के निपटारे, शादी-विवाह और जन्म-मृत्यु में पंचायत और सगे-संबंधी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते रहे हैं। पंचायत समुदाय द्वारा तय मर्यादा का व..
भारत की आत्मा गाँवों में बसती है। ग्राम-व्यवस्था वस्तुतः राष्ट्र-व्यवस्था की बुनियाद है। यही कारण है कि हमारे राष्ट्रनायकों ने सामाजिक उन्नयन, आर्थिक विकास, सांस्कृतिक प्रगति और राजनीतिक चेतना की दृष्टि से गाँवों को पर्याप्त महत्त्व दिया है। सबका मानना है कि भारत के विकास का रास्ता गाँवों से होकर गु..