यह पुस्तक बिहार शिक्षक-आन्दोलन के प्रखर नेता और पूर्व-सांसद शत्रुघ्न प्रसाद सिंह की आत्मकथा पुस्तक है जिसमें उन्होंने अपने निजी और सार्वजनिक जीवन के साथ-साथ अपने व्यापक अनुभवों के आधार पर बने विचारों को भी व्यक्त किया है। शिक्षक की अपनी मूल पहचान को अपने सार्वजनिक जीवन की धुरी मानते हुए उन्होंने जिस..
शोहरत की चकाचौंध से परे, हिंदी फिल्मों के लोकप्रिय सितारे कैसे हँसते और सिसकते हैं, ऐसे सर्वथा अनछुए-अनजाने प्रसंगों के सफर का नाम है ‘यादों का कारवाँ’। सच्ची मगर अनूठी घटनाओं से प्रेरित यह पुस्तक पंद्रह तिलस्मी सितारों के अनमोल जीवन-दर्शन के साथ यह भी दरशाती है कि वे भी कैसे राग-द्वेष के शिकार होते..