डॉ. भीमराव रामजी आंबेडकर (14 अप्रैल, 1891-6 दिसंबर, 1956) निश्चित ही भारत के सर्वाधिक प्रभावशाली सपूतों में से एक हैं। उन्होंने सभी विवशताओं को दृढ़ निश्चय और कमरतोड़ मेहनत से पार करके कोलंबिया विश्व-विद्यालय और लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिस से डॉक्टरेट की डिग्रियाँ तथा लंदन से बैरिस्टर की उपाधि प्राप्त क..
बिहार शुरू से ही विभिन्न आंदोलनों का केंद्र रहा है। 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में बिहार में लगभग आठ सौ लोगों को फाँसी पर चढ़ा दिया गया था। हजारों लोगों पर मुकदमा चलाया गया, सैकड़ों गाँव जलाए गए। इसमें शामिल विद्रोहियों की जमीन-जायदाद जब्त कर ली गई और उसे गद्दारों में बाँट दिया गया था।
वैसे तो बिह..
प्रथम स्वतंत्रता संग्राम भारतीय इतिहास का एक ऐसा दिव्य तथा भव्य अध्याय है, जिसमें धर्म, वर्ग, जातियों की सभी दीवारें ध्वस्त हो जाती हैं और जनसमूह के रूप में भारत की आत्मा मुखर होती है| अंग्रेजी तथा वामपंथी इतिहासकार भले ही इस महासमर को गदर या विद्रोह की संज्ञा दें, परंतु यह भारतीय आत्मा की आवाज थी। ..
Savarkar’s role in annals of India’s fight for freedom has been unfairly underestimated because of too much focus on the alter-day movement led by Gandhi and Nehru. While the truth of the matter is that when both of them were having a good time in London, Savarkar’s political adventures (his speeche..
— इस पुस्तक में आधुनिकता पर केन्द्रित निबन्ध संकलित हैं। एक युगद्रष्टा राष्ट्रकवि के मौलिक चिन्तन से ओतप्रोत विचारोत्तेजक ये निबन्ध आधुनिकता के महत्त्व को इस तार्किकता के साथ रेखांकित करते हैं कि पाठकों को अपने राष्ट्र के प्रति एक नई दृष्टि मिल सके।आधुनिकता की परिभाषा क्या है? धर्म, साहित्य और समा..
आकारों के आसपास' की कहानियों को पढ़कर कुछ ऐसा आस्वाद मिलता है जो आम तौर पर आज की कहानियों से सुखद रूप में अलग है। एक तरह से इन कहानियों की दुनिया कोई ख़ास निजी दुनिया नहीं है, इनमें भी रोज़मर्रा की ज़िन्दगी के ही आम परिचित अनुभवों को पेश किया गया है। मगर उन्हें देखनेवाली नज़र, उसके कोण और इन दोनों ..
अपने आपको काम में व्यस्त कीजिए और अपने जीवन को एक स्वरूप दीजिए। यह मत सोचिए कि कुछ करने से पहले आपको ब्रह्मांड की तमाम पहेलियों को सुलझाना जरूरी है। उन पहेलियों की चिंता मत कीजिए और अपने सामने पड़े काम पर ध्यान दीजिए। अपने अंदर छिपे उस महान् जीवन-सिद्धांत को उसमें लगा दीजिए, जो प्रकट होने के लिए लाल..
प्रयोग हमेशा बड़े ही नहीं होते और न ही हमेशा वे सुसज्जित प्रयोगशालाओं में, जिनमें सब प्रकार की सुविधाएँ उपलब्ध होती हैं, किए जाते हैं। अनेक प्रयोग घरों में भी आसानी से, उपलब्ध सामानों से, किए जा सकते हैं। हम इस पुस्तक में कुछ ऐसे प्रयोग बता रहे हैं, जिन्हें तुम अपने घरों में भी, आसानी से उपलब्ध चीजो..
क्या आपकी दिलचस्पी महज किसी कैरियर की दौड़ में है, या आपकी मंशा यह जानने की है कि आप जीवन में वस्तुतः क्या करना पसंद करेंगे-ऐसा काम जिससे आपको सचमुच लगाव हो? क्या आज की दुनिया में जीने के लिए महत्त्वाकांक्षा और होड़ वाकई जरूरी है? व्यक्ति और समाज की समस्याओं जैसे कि गरीबी, भ्रष्टाचार और हिंसा के बार..
‘आत्मा की आँखें' में संकलित हैं डी.एच. लॉरेन्स की वे कविताएँ जो यूरोप और अमेरिका में बहुत लोकप्रिय नहीं हो सकीं, लेकिन दिनकर जी ने उन्हें चयनित कर अपनी सहज भाषा-शैली में इस तरह अनुवाद किया कि नितान्त मौलिक प्रतीत होती हैं।डी.एच. लॉरेन्स की कविताओं के अनुवाद के पीछे जो मुख्य बातें थीं, उनके बारे मे..
डॉ. कर्ण सिंह को आधुनिक भारत के चिन्तकों और राजनयिकों में एक महत्त्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। मूलत: अंग्रेज़ी में प्रकाशित यह पुस्तक पहले दो खंडों में थी। बाद में इसे एक ही जिल्द में समेटा गया जिसमें ख़ास तौर से इसी संस्करण के लिए लिखी गई एक महत्त्वपूर्ण प्रस्तावना भी शामिल थी। यह इसी का हिन्दी संस्क..