चाणक्य की नीतियों में राजनीति, अर्थशास्त्र, धर्म और नैतिक मूल्य सबकुछ समाहित है। वे शासक को सही सलाह देनेवाले सच्चे राष्ट्रभक्त थे, उनके लिए मातृभूमि सर्वोपरि थी। वे कुशल नीतिज्ञ, अर्थशास्त्री, समाजशास्त्री और समर्पित राष्ट्राभिमानी थे उनकी सलाह और कथन सारगर्भित होते थे, जो समाज-कल्याण और राष्ट्रोत..
डायबिटीज क्यों होती है? डायबिटीज की पहचान क्या है? डायबिटीज से कैसे बचें? मेथी शुगर को कैसे कम करती है? खाने-पीने में क्या-क्या एहतियात बरतें? कौन-कौन से योगासन शुगर को घटाते हैं? व्यायाम के समय क्या-क्या सावधानियाँ बरतें? इंसुलिन लेना कब ज़रूरी है? इमरजेंसी की घड़ियों में क्या करें? कब कौन-सा टेस्ट ..
"यह पुस्तक महात्मा बुद्ध के जीवन और शिक्षाओं को बहुत ही सरल एवं स्पष्ट तरीके से रेखांकित करती है; बुद्ध की महत्त्वपूर्ण शिक्षाओं का वर्णन करती है; दुःख को सुख और प्रसन्नता में बदलने की अंतर्दृष्टि प्रदान करती है ।यह शिक्षा सिखाती है कि कैसे अपने प्रति दयालुता और अपने एवं दूसरों के दर्द के प्रति करु..
‘हिन्दू’ शब्द के असीम और निराकार विस्तार के भीतर समाहित, ‘अपने-अपने ढंग’ से सामाजिक रूढ़ियों में बदलती ‘उखड़ी-पुखड़ी’, ‘जमी-बिखरी’ वैचारिक धुरियों, सामूहिक आदतों, ‘स्वार्थों’ और ‘परमार्थों’ की आपस में उलझी पड़ी अनेक बेड़ियों-रस्सियों, सामाजिक-कौटुम्बिक रिश्तों की पुख्तगी और भंगुरता, शोषण और पोषण की ..
युवा कवि और आलोचक पंकज चतुर्वेदी की यह पुस्तक हमारे समय के वरिष्ठ कवि कुँवर नारायण की कविता पर केन्द्रित है। किसी भी विचारधारा के प्रभुत्व को स्वीकार करते हुए उन्होंने सत्य को एक विस्तृत पटल पर एक द्वन्द्वात्मक तथा बहुस्तरीय अवधारणा के रूप में आत्मसात् किया है।आदर्श और यथार्थ, ज्ञान और संवेदना, सम..
प्रभाष जोशी ने ‘जीने के बहाने’ में अपने समय के चर्चित व्यक्तित्वों के चरित्र और विचार का दो टूक विश्लेषण किया है। जिन व्यक्तित्वों ने इतिहास की धारा को सही दिशा में ले जाने की कोशिश की है, प्रभाष जोशी ने ऐसे ऐतिहासिक व्यक्तित्वों के अवदान का रेखांकन किया है। कुछ व्यक्तित्व ऐसे हैं जिन्होंने अपनी वैच..
आकर्षक ढंग से बताया गया
और खूबसूरती से सचित्र वर्णित हुआ
मनजीत हिरानी अपनी बात पर एकदम अटल थीं कि कोई कुत्ता उनके घर के अंदर नहीं आएगा; लेकिन यह प्रण तब तक ही था, जब तक बड्डी उनके दरवाजे पर नहीं आया था।
एक दिन दरवाजे की घंटी बजी। उनके पति राजकुमार हिरानी, जिन्होंने अभी बस ‘पी.के.’ की शूटिंग खत्..
आप यह पुस्तक उठाकर पढ़ रहे हैं तो इसका अर्थ है कि आप कहीं-न-कहीं आर्थिक, सामाजिक और आध्यात्मिक शांति तलाश रहे हैं। बेशक हजारों युगों से मानव का पथ-प्रदर्शन करनेवाली श्रीमद्भगवद्गीता आपके लिए भी उतनी ही प्रासंगिक है, जितनी कभी यह महाबली अर्जुन या उन्नत महापुरुषों की प्रतिकूल अवस्थाओं में रही है।‘जी..
आप यह पुस्तक उठाकर पढ़ रहे हैं तो इसका अर्थ है कि आप कहीं-न-कहीं आर्थिक, सामाजिक और आध्यात्मिक शांति तलाश रहे हैं। बेशक हजारों युगों से मानव का पथ-प्रदर्शन करनेवाली श्रीमद्भगवद्गीता आपके लिए भी उतनी ही प्रासंगिक है, जितनी कभी यह महाबली अर्जुन या उन्नत महापुरुषों की प्रतिकूल अवस्थाओं में रही है। ‘ज..
मालविका अय्यर ने तेरह वर्ष की उम्र में आयुध फैक्टरी में हुए भीषण विस्फोट में अपने दोनों हाथ खो दिए। दोनों पैरों में भी गंभीर चोटें आईं। इसके बाद 18 महीने अस्पताल में रही और चरणबद्ध ऑपरेशनों का दर्द झेला। इतने बड़े हादसे के बाद तो कोई भी हिल जाए, लेकिन मालविका ने हिम्मत नहीं हारी। मात्र चार महीने की ..
यह आपकी निजी रचनात्मक चिंतन-प्रक्रिया में चिनगारी उत्पन्न करनेवाले विचारों की पुस्तक है। यह आपको अनुभवों एवं उनकी प्रक्रियाओं से भिन्न रूप से परिचित होने का अवसर प्रदान करेगी।
इस पुस्तक को पढ़ने के बाद आपको ऐसे विवरण प्राप्त हो सकते हैं, जिनसे संभवतः आप सहमत न हों। वे आपकी निजी विश्वास प्रणाली से ट..
क्या पारिवारिक जिम्मेदारियों से बँधा एक सामान्य व्यक्ति निर्वाण या बुद्धत्व (बोध) प्राप्त कर सकता है?
अपने कार्य-व्यवसाय में व्यस्त किसी व्यक्ति के लिए महत्त्वाकांक्षाओं की आध्यात्मिक सीमा क्या होनी चाहिए? क्या नकारात्मक भाव अलग-अलग रूपों में सामने आते हैं?
अपने चारों ओर होनेवाले मानवीय अन्याय ..