कृष्ण बलदेव वैद की डायरियों की जो पुस्तकें इससे पहले प्रकाशित हुई हैं, उन्हें अपनी बेबाकी, लेखक के निर्मम आत्मालोचन, व्यक्तियों और घटनाओं पर तात्कालिक प्रतिक्रियाओं, अनेक देशी-विदेशी लेखकों और कृतियों के आस्वादन और प्रासंगिक आकलन के लिए याद किया जाता है। उनका अनौपचारिक गद्य, फिर भी, एक बड़े लेखक का ग..
मुहावरे और लोकोक्तियाँ प्रत्येक भाषा के प्राण होते है । इसीलिए किसी भाषा की समुचित जानकारी के लिए उसके मुहावरों और लोकोक्तियों की जानकारी नितांत आवश्यक है । अनेकानेक दृष्टियों से हिंदीभाषी प्रदेशों में ,विदेशी भाषा होते हुए भी, अंग्रेजी का अपना अलग महत्त्व है; और हिंदी में सर्वाधिक अनुवाद अंग्..
श्रीरामवृक्ष बेनीपुरी बीसवीं सदी के उन हिन्दी लेखकों में हैं जिन्होंने साहित्य और पत्रकारिता को नई दिशा दी। साहित्य की विभिन्न विधाओं में उन्होंने श्रेष्ठतम लेखन किया।कथा-साहित्य और नाटक में नए प्रयोग किए और कालजयी कृतियों की रचना की। इसी तरह राजनैतिक और साहित्यिक दोनों ही तरह की पत्रकारिता को उन्..
भारत एक महान् देश है, जिसके संबंध में परिचय देने वाली यह पुस्तकमाला भारत के सभी पक्षों का पूरा विवरण देती है। प्रत्येक पृष्ठ पर दो रंग में कलापूर्ण चित्र, सुगम भाषा और प्रामाणिक तथ्य। इस पुस्तकमाला के लेखक हैं, प्रसिद्ध साहित्यकार, इतिहास और कला के मर्मज्ञ डॉ. भगवतशरण उपाध्याय।..
भवानी नंदन श्रीगणेश पिता शिव नहीं, केवल माता पार्वती से उत्पन्न हैं। माता की कोख से नहीं। मैल, उबटन के संग्रह से निर्मित तन। जन्म लेते ही द्वार पर बैठ गए। किसी का भी भीतर प्रवेश वर्जित है। माता का आदेश है। यह उनका स्नान कारण है। पिता शंकर क्रुद्ध हो रहे हैं। बड़ा ज़िद्दी बालक है। उनके ही घर में उनका ..
मुहावरे में प्रधान है उसका लाक्षणिक अर्थ जिसका गठन अपरिवर्तनीय रहता है। गठन में परिवर्तन होते ही उसका लाक्षणिक अर्थ बेमजा हो जाता है। ‘कमर टूटना’ को न ‘कटि भंग’ कर सकते हैं, न ‘कटि टूटना’। मुहावरे अधिकतर शारीरिक अंगों व चेष्टाओं, सामाजिक-राजनैतिक कथनों व घटनाओं पर आधारित होते हैं। मुहावरे में क्रिया..
जनजीवन के दैनिक प्रसंगों में शामिल होने का दावा करनेवाले, लेकिन हक़ीक़त में अभिजात काव्याभिरुचि की प्रतिष्ठा के लिए फ़िक्रमन्द, तमाम रूप-विकल कवियों में लगभग विजातीय की तरह दिखनेवाले अष्टभुजा शुक्ल की कविता का यथार्थ दरअसल भारतीय समाज के उस छोर का यथार्थ है, जिस पर ‘बाज़ार’ की नज़र तो है, लेकिन जो ब..
मछुआरे की झोंपड़ी से भारत के राष्ट्रपति पद पर पहुँचे, जन-जन के प्रिय, लाखों बच्चों के चाचा, शासकों से लेकर पत्रकारों, वैज्ञानिकों, उद्योगपतियों, व्यापारियों, किसानों सभी को अपनी अपूर्व योजनाओं से प्रेरित करने वाले, कवि, संगीतकार-सभी दृष्टियों से अतुलनीय, अनुपम व्यक्तित्व भारतरत्न डा. अब्दुल कलाम के ..
सामान्य तरीके से जन्म लेकर और एक अति सामान्य परिवार में पलकर कैसे महानता के शीर्ष को छुआ जा सकता है, यह महात्मा कबीर के आचार, व्यवहार, व्यक्तित्व और कृतित्व से सीखा जा सकता है। कबीर ने कोई पंथ नहीं चलाया, कोई मार्ग नहीं बनाया; बस लोगों से इतना कहा कि वे अपने विवेक से अपने अंतर्मन में झाँकें। कबीर..
प्रस्तुत संस्करण ‘कबीर ग्रंथावली’ में कबीरदास के जो दोहे और पद सम्मिलित किए गए हैं, उन्हें आजकल की प्रचलित परिपाटी के अनुसार खराद पर चढ़ाकर सुडौल, सुन्दर और पिंगल के नियमों से शुद्ध बनाने का कोई उद्योग नहीं किया गया, वरन् उद्देश्य यही रहा है कि हस्तलिखित प्रतियों या ग्रन्थसाहब में जो पाठ मिलता है, वह..