धूल और सुस्ती में लिपटा पीपलनगर उत्तर भारत का एक छोटा-सा शहर है जहाँ ज़िंदगी बड़ी धीमी गति से चलती है और एक दिन से दूसरे दिन में कोई फर्क नहीं लगता। न कोई बड़ी घटना घटती और न ही बड़ी कोई खबर पैदा होती है। छोटे-से पीपल नगर के वासियों के सपने भी छोटे हैं जिनकी उड़ान दिल्ली पहुँच कर रुक जाती है। नाई दी..
शीर्षस्थ स्वातंत्य योद्धा नेताजी सुभाषचन्द्र बोस की अप्रतिम जीवन गाथा...अग्रणी राजनेताओं के औपन्यासिक जीवन-चरित्रों के सिद्ध लेखक राजेन्द्रमोहन भटनागर द्वारा।..
‘दिवाला से दीवाली तक’ भारतीय रेल के अभूतपूर्व कायाकल्प की आँखोंदेखी अंतर्कथा पाठकों के समक्ष प्रस्तुत करती है, जिसने तब परिणाम दिए जब परंपरागत नुस्खे लागू नहीं किए जा सकते थे।-मोंटेक सिंह आहलूवालिया, उपाध्यक्ष, योजना आयोग, भारत सरकार ‘इस पुस्तक में इस तथ्य को बखूबी प्रस्तुत किया गया है कि प्रभावी ने..
With Meer, Ghalib, Iqbal and Faiz, to name only four, the firmament of Urdu poetry is truly star-studded, with Humerous starlets strewn around. Ghalib has not only pride of place among them but his stature is growing with every passing decade. He was ahead of his time, and his contemporaries failed ..
देश का सर्वश्रेष्ठ साहित्यिक पुरस्कार, बच्चनजी को उनके कविता-संग्रह ‘दो चट्टानें’ पर मिला था। साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित होना अपनी विशिष्टता लिये हुए है। यह भी कहा जा सकता है कि बच्चनजी को सम्मानित करने से साहित्य अकादमी के पुरस्कार की भी गरिमा बढ़ी है। इस सम्मान से वर्षों पहले से ही बच्चनजी..
द्रौपदी महाभारत ही नहीं, भारतीय जीवन तथा संस्कृति का एक अत्यन्त विलक्षण और महत्त्वपूर्ण चरित्र है-परन्तु साहित्य ने अब तक उसे प्रायः छुआ नहीं था। उपन्यास के रूप में इस रचना का एक विशिष्ट पक्ष यह भी है कि इसे एक महिला ने उठाया और वाणी दी है, जिस कारण वे इसके साथ न्याय करने में पूर्ण सफल हुई हैं। डा. ..
गिरिराज किशोर मानवमात्र के मनोभावों को शब्दों में उतार कर किस तरह कहानियों का ताना-बाना बुनते हैं, यह उनके इस कहानी-संग्रह में संकलित कहानियों में देखा जा सकता है। ‘कविताएं’ कहानी में मृत्युशैया पर पड़ी पत्नी के सिरहाने बैठे पति की अन्तव्र्यथा, ‘फाइल दाखिल दफ्तर’ में पुत्र और बहू की गुमशुदगी से परेशा..
एक अधूरा उपन्यास लेखिका आमेली नोतों का पहला उपन्यास है जो उन्होंने 26 वर्ष की उम्र में लिखा था। इसके साथ ही वे एक विलक्षण लेखिका के रूप में स्थापित हो गयीं। तब से लेकर अब तक उनका हर साल एक नया उपन्यास प्रकाशित होता आ रहा है। पन्द्रह से अधिक भाषाओं में उनके उपन्यासों के अनुवाद हो चुके हैं। 1999 में उ..
पद्मभूषण से सम्मानित अमृतलाल नागर की गिनती बीसवीं सदी के हिन्दी साहित्य के प्रमुख लेखकों में होती है। उनके लेखन की सबसे बड़ी खासियत यह थी कि वे अपनी कहानियों और उपन्यासों में पात्रों का ऐसा चित्रण करते थे जो कि कहानी खत्म होने के बाद भी लम्बे समय तक पाठक के दिलोदिमाग पर छाये रहते थे। इसी खूबी के कारण..
कृश्न चन्दर के लोकप्रिय उपन्यास 'एक गधे की आत्मकथा' में आदमी की भाषा में बोलने वाले एक गधे के माध्यम से समाज के विभिन्न पहलुओं पर करारा व्यंग किया गया है। इस उपन्यास के विचित्र संसार में सरकारी दफ्तरों के निठल्ले आफीसर, लाइसेंस के चक्कर में घूमने वाले व्यवसायी, चुनाव के जोड़-तोड़ में लगे नेता, साहित..