इस पुस्तक के माध्यम से वैज्ञानिक चेतना का संचार हो सके तथा आज के विज्ञान के छात्र-छात्राएँ एवं भावी वैज्ञानिक, इसमें वर्णित महिला वैज्ञानिकों की अदम्य लगन से सीख ले सकेंगे कि धनाभाव अथवा कठिनाइयाँ भी दृढ़ विश्वासी की सफलता में बाधक नहीं हो सकतीं। इस विश्वास के साथ यह पुस्तक वैज्ञानिक दृष्टिकोण रख..
भले ही व्रत-उपवास का वास्तविक अर्थ कुछ भी हो, लेकिन ये जनमानस में धर्म, आस्था एवं श्रद्धा का प्रतीक हैं। कुछ लोग इसे धर्म के साथ जोड़कर देखते हैं तो कुछ ज्योतिषीय उपायों की तरह लेते हैं। स्वास्थ्य की दृष्टि से इनके अलग लाभ हैं तो मनोविज्ञान की दृष्टि से इनका अपना महत्त्व है। शायद यही कारण है कि व्रत..
भारतीय मनीषियों ने सतत चिन्तन, मनन और आध्यात्मिक ज्ञान के आधार पर मानव जीवन के कल्याण हेतु अनेक विधियाँ विकसित की हैं, उन विधियों में से एक है—‘योग’। योग वह विद्या है, जो हमें स्वस्थ जीवन जीने की कला सिखाती है और असाध्य रोगों से बचाती है। यह हमें अपने लिए नहीं, बल्कि सबके लिए जीने का सन्देश देती है।..
शरीर आत्मा का आधार है, पड़ाव है, विश्रामस्थल है, मंजिल नहीं; फिर भी मंजिल न मिलने तक उसे इस आधार की आवश्यकता है । रुकने और विश्राम करने की, अपने आपको तरोताजा करने की, अपनी हँसी-खुशी, स्वास्थ्य-सुविधा बनाए रखने की उसे महती आवश्यकता है, ताकि वह एक दिन अपनी मंजिल पा सके ।
इस पुस्तक में शरीर विज्ञान एवं..
इस ग्रंथ की गणना बीसवीं शताब्दी के क्लासिक ग्रंथों में की जाती है-जिन्होंने मनुष्य के जीवन और धारणाओं को गहराई से प्रभावित किया। मनोविज्ञान में यौन भावनाओं के प्रभाव का विचार यद्यपि पहले-पहल फ्रायड ने दिया था परंतु इस विषय पर व्यापक अध्ययन और लेखन हैवलाक एलिस ने किया। अनेक खण्डों में प्रकाशित उनके अ..