गुलाब कोठारी का बहुमुखी व्यक्तित्व है। उनके अधिकांश प्रशंसक उन्हें एक प्रखर पत्रकार और संपादक के रूप में जानते हैं। प्रबंधक के रूप में भी वे मीडिया जगत् की जानी-मानी हस्ती हैं। एक संवेदनशील कवि के रूप में वे हिंदी-जगत् में उभरे, जब उन्हें भारतीय ज्ञानपीठ के मूर्तिदेवी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। ..
ग़ज़ल एक छन्द मात्र नहीं है। यह अभिव्यक्ति की एक अत्यन्त नाजुक विधा है जिसमें सपाटबयानी नहीं चलती। गुलाब खंडेलवाल का यह ग़ज़ल संग्रह ग़ज़ल की इस क्षमता को नए और पुराने के बीच सन्तुलन क़ायम रखते हुए नए सिरे से सिद्ध करता है।गुलाब जी ने ग़ज़ल की दुनिया में अपनी एक अलग पहचान बनाने की कोशिश की है और उनकी..
प्रस्तुत संकलन जापानी फंतासी की आधुनिक परिकल्पनाओं का सशक्त संग्रह है।मियाज़ावा केन्जी की दो रचनाएँ—‘अनन्त फ़रमाइशों का भोजनालय’ और ‘वनबिलाव’ दो अलग–अलग प्रसंगों का प्रभावशाली चित्रण है।मिमेई और नावाको की रचनाओं में जहाँ अलौकिक तत्त्व है, वहीं प्राकृतिक सम्पदाओं के अनुचित दोहन से पैदा हुई समस्याओ..
शिवानी (17 अक्तूबर 1923-21 मार्च 2003) हिन्दी की जानी-मानी लेखिका हैं। उनका पूरा नाम था गौरा पंत। उन्होंने अपने जीवनकाल में अनेक उपन्यास, कहानियां और यात्रा-वृत्तांत लिखे। हिन्दी साहित्य में उनके योगदान के लिए 1982 में उन्हें ‘पद्मश्री’ से सम्मानित किया गया। बच्चों के लिए सूखा गुलाब, स्वामीभक्त चूहा..
शिवानी (17 अक्तूबर 1923-21 मार्च 2003) हिन्दी की जानी-मानी लेखिका हैं। उनका पूरा नाम था गौरा पंत। उन्होंने अपने जीवनकाल में अनेक उपन्यास, कहानियां और यात्रा-वृत्तांत लिखे। हिन्दी साहित्य में उनके योगदान के लिए 1982 में उन्हें ‘पद्मश्री’ से सम्मानित किया गया। बच्चों के लिए 'सूखा गुलाब', 'स्वामीभक्त च..