भारतीय मनीषा के आधुनिक महानायक रवीन्द्रनाथ ठाकुर ने ‘गोरा’ की रचना एक शताब्दी पहले की थी और यह उपन्यास भारतीय साहित्य की पिछली पूरी शताब्दी के भीतर मौजूद जीवन-रेखाओं के भीतरी परिदृश्य की सबसे प्रामाणिक पहचान बना रहा। वर्तमान विश्व के तेज़ी से घूमते चक्र में जब एक बार फिर सभी महाद्वीपों के समाज इस प्..
रवीन्द्रनाथ टैगोर का यह उपन्यास बीसवीं सदी के प्रारम्भिक वर्षों के बंगाल पर केन्द्रित है और उस समय के समाज, राजनीति और धर्म की वास्तविक तस्वीर प्रस्तुत करता है। जहाँ एक तरफ राष्ट्रीयता की भावना प्रबल हो रही थी वहीं प्राचीन आध्यात्मिक मूल्यों का पुनरुत्थान हो रहा था। एक तरफ प्रगतिवादी राष्ट्रवादी थे ..
मध्यकालीन भारत के जिस दौर में गुरु गोरखनाथ का व्यक्तित्व सामने आया, वह विभिन्न सामाजिक और नैतिक चुनौतियों के सामने एक असहाय और दिग्भ्रमित दौर था। ब्राह्मणवाद और वर्ण-व्यवस्था की कठोरता अपने चरम पर थी, आध्यात्मिक क्षेत्र में समाज को भटकानेवाली रहस्यवादी शक्तियों का बोलबाला था। इस घटाटोप में गोरक्षनाथ..
महायोगी गोरक्षनाथ एक महान समाज-दृष्टा थे। भारतीय इतिहास में मध्यकाल को संक्रान्ति काल भी कहा जाता है। इस युग में भोगवाद की प्रतिष्ठा थी। उच्च वर्ग भोगवादी था और निम्न वर्ग भोग्य था। महायोगी गोरक्षनाथ ने सामाजिक पुनरुत्थान तथा सामाजिक नवादर्शों की प्रस्थापना के लिए उस भोगात्मक साधना का प्रबल विरोध कि..
महायोगी गोरखनाथ नौवीं-दसवीं शताब्दी में अवतरित हुए। उन्होंने पतंजलि के योगसूत्रों के आधार पर अपनी योग-साधना का प्रतिपादन किया तथा स्वयं उसकी साधना से सिद्धि प्राप्त की थी। बुद्ध के बाद गोरखनाथ ही भारत में सच्चे लोकनायक हुए। उनका प्रभाव राजमहल से झोपड़ियों तक पड़ा था। अछूत और अन्त्यज के लिए उन्होंने ..
पाइथागोरस 560 ईसा पूर्व में जनमे यूनान के विख्यात गणितज्ञ थे। सुकरात, प्लूटो, अरस्तु और सिकंदर भी उनसे प्रभावित रहे। पाइथागोरस ने जो भी संदेश दिया, गणित की जितनी भी गणनाएँ थीं, मौखिक कीं, उन्होंने अपने हाथों एक भी शब्द नहीं लिखा।पाइथागोरस की लोकप्रिय प्रमेय— ‘किसी समकोण त्रिभुज में कर्ण पर बना वर्..
फ़िराक़ गोरखपुरी बीसवीं शताब्दी के कालजयी शख़्सियत के मालिक हैं, स्वतंत्रता आन्दोलन से लेकर प्रगतिशील आन्दोलन तक जुड़े रहने के कारण एवं अंग्रेज़ी साहित्य के अध्यापक होने के कारण उनकी शायरी में एक नया रंग उभरकर आया जिसेप्रो. फ़ातमी ने बड़े व्यापक ढंग से प्रस्तुत किया है। उनकी ग़ज़लों, नज़्मों ने प्रग..