भारत के हर प्रान्त, हर कस्बे और यहाँ तक कि हर गाँव में अलग-अलग देवी पूजी जाती हंै और प्रत्येक का अपना अलग रूप, स्वरूप और विशेषता है। प्राचीन हिन्दू पौराणिक कहानियों और किंवदंतियों के शोध पर आधारित इस पुस्तक में लेखक देवदत्त पट्टनायक खोजबीन कर रहे हैं कि पिछले चार हज़ार वर्षों में देवी की अवधारणा कैस..
‘छायावाद’ पुस्तक में जहाँ छायावाद की समूहगत सामान्य प्रवृत्तियों के विश्लेषण का विशेष आग्रह था, वहीं प्रस्तुत पुस्तक में प्रसाद, निराला, महादेवी और पन्त केवैशिष्ट्य और नवीन पक्षों पर विशेष दृष्टि डाली गई है। सौन्दर्य के समान महान सृजक भी विशिष्ट होते हैं।हिन्दी साहित्य ‘ग्लैक्सी’ की विभूतियाँ है..
अरावली की पर्वत श्रेणियों में विराजित जोगणिया माता मेवाड़ का सुरम्य तीर्थस्थान है। वहाँ पशुबलि सैकड़ों वर्षों से चली आ रही थी। मैंने स्वयं वहाँ बबूलों और खेजड़ों के वृक्षों की डालियों पर बलि दिए पशुओं की मुंडियाँ लटकी देखी हैं। ये पशु अपने-अपने मालिक परिवारों की मनौतियों, बोलमाओं और मान्यताओं के कार..
स्त्रिय: समस्ता: सकला जगत्सु तव देवि भेदा:। सम्पूर्ण सृष्टि की महिलाएँ, हे देवि, वस्तुत: तुम्हारे ही विभिन्न स्वरूप हैं। स्त्रियों के विभिन्न स्वरूपों की डोर पकड़कर आदिशक्ति के मूल स्वरूप को समझना; और शक्ति के नाना रूपों के आईनों में आज से लेकर आर्षकालीन समाज की स्त्रियों की ढेरों लोकगाथाओं, महागाथाओ..
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में देवी प्रसाद त्रिपाठी के रूप में छात्र सक्रियतावादी का अपना सफ`र शुरू करनेवाले डीपीटी ने जे.एन.यू छात्रसंघ के इतिहास में सबसे लम्बी अवधि तक अध्यक्ष-पद पर बने रहने का गौरव प्राप्त किया। उन्होंने 1973 में श्रीमती इन्दिरा गांधी द्वारा थोपे गए बदनाम आपातकाल के दौरान इस वि..
हिंदुतत्व में स्त्री को देवी के समान माना गया है | देश के विभिन्न हिस्सों में देवी के अलग-अलग रूप पूजे जाते हैं| कहीं वह प्रकृति के रूप में माता हैं, कहीं पर मानवता की स्रष्टा है, कही पर ज्ञान कि देवी सरस्वती है तो कहीं पर सम्पदा कि देवी लक्ष्मी है | इन अलग अलग रूप के क्या महत्व हैं और इस देवी से जु..
हिंदू देवी-देवताओं के नयनाभिराम और सुंदर चित्र भक्तों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं तथा उनमें आस्था एवं भक्तिभाव की अजस्र धारा प्रवाहित कर देते हैं। पर कम ही लोग इन चित्रों में प्रदर्शित विभिन्न स्वरूपों के बारे में ज्ञान रखते हैं।प्रस्तुत पुस्तक हिंदू कलेंडर कला के इन चित्रों के रहस्यों को सुलझ..
हिंदू देवी-देवताओं के नयनाभिराम और सुंदर चित्र भक्तों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं तथा उनमें आस्था एवं भक्तिभाव की अजस्र धारा प्रवाहित कर देते हैं। पर कम ही लोग इन चित्रों में प्रदर्शित विभिन्न स्वरूपों के बारे में ज्ञान रखते हैं।प्रस्तुत पुस्तक हिंदू कलेंडर कला के इन चित्रों के रहस्यों को सुलझ..
हिंदू धर्म में देवी-देवताओं की बहुत मान्यता है। घर-घर में अनेक देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना अपूर्व श्रद्धा, आस्था, प्रेम और विधि-विधान से की जाती है। हिंदू धर्म में ऐसी मान्यता भी है कि इन देवी-देवताओं की संख्या करोड़ों में है। इनके प्रति असीम भक्ति और मान्यताओं ने ही इनकी अनेक कथाओं को जन्म दिया। रा..
हिंदू धर्म विश्व का सबसे प्राचीन धर्म है। हिंदू धर्मग्रंथों—वेद, पुराण, उपनिषद्, रामायण, महाभारत, गीता आदि ने संपूर्ण मानव जाति को दिशा दिखाई है तथा जीवन में आदर्श और नैतिकता का मार्ग प्रशस्त किया है।
इस उच्च धर्म के वाहक चौंसठ करोड़ देवी-देवता हैं। विद्या की देवी माँ सरस्वती हैं, धन-धान्य की देवी..
कुसुम खेमानी के उपन्यास ‘लावण्यदेवी’ का कथा-फ़लक इतना विस्तृत है कि इसमें एक कुटुम्ब की पाँच पीढ़ियों की गाथा समाहित है। गाथा इसलिए कि इसमें केवल प्रभावती, ज्योतिर्मयीदेवी, लावण्यदेवी और उनकी सन्तति तथा नाती-पोतों की दास्तान ही नहीं है; बल्कि इनके बहाने जैसे एक पूरे युग और काल के प्रवाह को भाषा में बा..
‘छायावाद के वसन्त वन की सबसे मधुर, भाव-मुखर पिकी’ महादेवी वर्मा के काव्य का सन्तुलित मूल्यांकन जितना उपेक्षित है, उतना ही उपेक्षित रहा है। इनके काव्य के सम्बन्ध में अनेक असंगत धारणाएँ भी रूढ़ हो चुकी हैं, अनेक भ्रान्तियाँ फैल चुकी हैं।सवाल उठता है कि क्या महादेवी वर्मा का रचनात्मक व्यक्तित्व विभाज..