नवीनतम सॉल्ड पेपर सहितBPSSC (बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग)अवर निरीक्षक (दरोगा) मुख्य परीक्षा-202030 प्रैक्टिस सेट्स• सामान्य अध्ययन 20 सेटस• सामान्य हिन्दी 10 सेट्ससमसामयिकी से संबध्द 300 प्रश्नों का समावेशपूर्णतः नवीनतम सिलेबस एवं पैटर्न पर आधारित 3000 प्रश्नों के व्याख्या सहित उत्तर..
आचार्य बदरीनाथ वर्मा ऐसे महापुरुष थे, जो अपनी आख़िरी साँस तक राष्ट्र और राष्ट्रभाषा का सौभाग्य सँवारने के लिए सतत समुद्यत और सचेष्ट रहे। गांधी-युग के हिन्दी-सेवी देशभक्तों में बदरी बाबू का स्थान बहुत ऊँचा है। उनका निरहंकार व्यक्तित्व, उनकी सदाशयता, सहृदयता, सादगी और सर्व-हित-कामना सचमुच मनुष्य-जाति क..
प्रबन्धन आत्म-विकास की एक सतत् प्रक्रिया है। अपने को व्यवस्थित-प्रबन्धित किए बिना आदमी दूसरों को व्यवस्थित-प्रबन्धित करने में सफल नहीं हो सकता, चाहे वे दूसरे लोग घर के सदस्य हों या दफ़्तर अथवा कारोबार के। इस प्रकार आत्म-विकास ही घर-दफ़्तर दोनों की उन्नति का मूल है। इस लिहाज़ से देखें, तो प्रबन्धन क..
आठवीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध में भारत में जैन धर्म, बौद्ध धर्म तथा अन्य अनेक सम्प्रदायों और मत-मतान्तरों का बोलबाला था। जैन धर्म की अपेक्षा बौद्ध धर्म अधिक शक्तिशाली सिद्ध हुआ। जैन धर्म को खुलकर चुनौती दी। जैन धर्म भी वैदिक धर्म का कम विरोधी नहीं था। बौद्ध और जैन धर्मों के अतिरिक्त सातवीं-आठवीं शताब..
धरती का मानव हज़ारों सालों से आकाश के टिमटिमाते दीपों को निहारता आया है। सभी के मन में सवाल उठते हैं—आकाश में कितने तारे हैं? पृथ्वी से कितनी दूर हैं? कितने बड़े हैं? किन पदार्थों से बने हैं? ये सतत क्यों चमकते रहते हैं? तारों के बारे में इन सवालों के उत्तर आधुनिक काल में, प्रमुख रूप से 1920 ई. के बा..
आज संसार जिसजिस संकट से जूझ रहा है, वह मुख्यतः पहचान का संकट है। लोग स्वयं की पहचान लिंग, जाति, धर्म और राष्ट्रीयता जैसे सीमित लक्षणों से करते हैं और भूल जाते हैं कि वे सार्वभौमिक आत्मा का हिस्सा हैं। इन सीमित पहचानों से अंतरराष्ट्रीय और व्यक्तिगत स्तर पर संघर्ष उत्पन्न
होते हैं।
विविध पृष्ठभूमि ..
आधुनिक युग में विज्ञान एवं तकनीकी में अभूतपूर्व विकास तथा नई-नई सुविधाओं का सृजन होने के कारण सभी की आकांक्षाएँ आकाश को छूने लगी हैं। प्रत्येक व्यक्ति अपने जीवन को सर्वोत्तम शैली में बिताना चाहता है। वैसे तो ‘सर्वोत्तम शैली’ की परिभाषा प्रत्येक व्यक्ति के लिए भिन्न होगी, परंतु इसके सामान्य आधार मे..
दूरवर्ती लोगों तक अपने विचार पहुँचाने का सबसे सुगम, सबसे सस्ता और सबसे पुराना साधन है पत्र-व्यवहार। सुगमता तथा सस्तेपन के अतिरिक्त पत्र-व्यवहार मेुं एक विशेषता यह भी है कि इसके द्वारा मनुष्य अपनी इच्छा के अनुसार—संक्षेप या विस्तार से —अपने विचार प्रकट कर सकता है। साथ ही यह विचार-प्रकटन अपेक्षाकृत व्..