कोरोना के कारण 2020 में घोषित लॉकडाउन ने करोड़ों भारतीयों को अकल्पनीय त्रासदी का सामना करने के लिए विवश कर दिया। नगरों-महानगरों में कल-कारखानों पर ताले लटक गए; काम-धन्धे रुक गए और दर-दुकानें बन्द हो गईं। इससे मजदूर एक झटके में बेरोजगार, बेसहारा हो गए। मजबूरन उन्हें अपने गाँवों का रुख करना पड़ा। उनका य..
यह रिपोर्ताज-संग्रह कोरोनानामा : बुजुर्गों की अनकही दास्तान वैश्विक महामारी कोविड-19 यानी कोरोना-काल में बुजुर्गों के प्रति सजगता को परिलक्षित करती हुई उनकी विशिष्ट भूमिकाओं की एक ग्राउंड रिपोर्ट है। इसमें पाठकों को इस सामाजिक आपातकाल में वृद्धजनों की सेवा, सहयोग और सम्मान के कुछ अप्रतिम उदाहरणों के..
जीवन का सुर-संगीत दिल की धड़कनों में ही बसा है। ये धड़कनें ताज़िन्दगी मज़बूत बनी रहें, यह मंगल प्रार्थना पूरी करने के लिए जीवन में थोड़ा संयम, थोड़ा अनुशासन गूँथना ज़रूरी है। जब तक स्वस्थ जीवन-पद्धति न अपनाई जाए, उम्र बढ़ने के साथ और कभी कम उम्र में ही कोरोनरी धमनियों में सँकरापन आना स्वाभाविक है। ऐंजाइन..
इस पुस्तक में कोविड-19 और कोरोना के बारे में संपूर्ण और शोधपरक प्रमाणित जानकारियाँ प्रस्तुत की गई हैं। रोग के इतिहास से लेकर कोरोना विषाणु और रोग क्या है, रोग के कौन से लक्षण हैं, रोग की पहचान, जाँचें और इलाज क्या है? रोग से स्वयं को और परिवार को कैसे सुरक्षित रखें और इस खतरनाक रोग से बचने के उपाय इ..
इस पुस्तक में कोविड-19 और कोरोना के बारे में संपूर्ण और शोधपरक प्रमाणित जानकारियाँ प्रस्तुत की गई हैं। रोग के इतिहास से लेकर कोरोना विषाणु और रोग क्या है, रोग के कौन से लक्षण हैं, रोग की पहचान, जाँचें और इलाज क्या है? रोग से स्वयं को और परिवार को कैसे सुरक्षित रखें और इस खतरनाक रोग से बचने के उपाय इ..
एक रहे पुद्दन। गाँव रहा नरहरपुर। वे चले ससुराल–नौशादपुर। ब्याह था साली का। दौर था कोरोना का। वायरस की थी उत्सवों और मेलजोल से यारी। फैलाने लगा अपना पंजा। लोगों ने जिसे लिया हल्के में, वही पड़ा भारी। और उनकी बिंदास जिंदगी पर डाल दिया डर और आशंकाओं का जाल। फिर क्या हुआ? क्या हो सकी पुद्दन की साली की शा..