‘दुभंग’ 30 सितम्बर, 1993 को महाराष्ट्र के किल्लारी गाँव, ज़िला लातूर में आए भूकम्प पर आधारित उपन्यास है। इस भूकम्प से यह गाँव लगभग पूरी तरह नष्ट हो गया था। अनेकों लोग मलबे में दफ़न हो गए थे। प्रसिद्ध मराठी लेखक लक्ष्मण गायकवाड़ ने भूकम्प के बाद किल्लारी जाकर बाक़ायदा सहायता और राहत कार्यों में हिस्स..
मैं वर्तमान संग्रह को अपनी प्रारम्भिक रचनाओं का संग्रह बनाना चाहता था और इसका मुख्य रूप वही है भी। किन्तु पुरानी बहियों को उलटते-पलटते समय कुछ कविताएँ और मिल गईं, जिन्हें प्रारम्भिक रचनाएँ तो नहीं कहा जा सकता; किन्तु जो उसी न्याय से प्रकाश में आने के योग्य हैं, जिस न्याय से कवि की प्रारम्भिक रचनाएँ ..
“ना बबुआ ना, रोइए नहीं। मैं आपके आँसू नहीं देख सकता।”
वे और रोने लगे। मैंने उनका सिर अपने हाथों में भर लिया और आँसू पोंछने लगा। वे बच्चे की तरह मेरी गोद में भहरा उठे। कुछ देर बाद बोले, “कहाँ रहे दिन भर?”
“खेतों में आपके साथ घूमता रहा।”
“मेरे साथ?”
“हाँ, आपकी यादों के साथ।”
“अच्छा जाओ, खाना-वाना..