भारतीय लोकजीवन में क़िस्सागोई की परम्परा काफ़ी पुरानी है। लगभग उतनी ही पुरानी जितनी मानव सभ्यता के नागरिक विकास की कहानी है। नागरिक सभ्यता के विकास के बाद मनुष्यों में नैतिक-बोध एवं जीवन-मूल्यों की स्थापना के लिए ही क़िस्सागोई के माध्यम से नैतिक-शिक्षा से सम्बन्धित कहानियों के वाचन की परम्परा विकसित..
श्रीकृष्ण की कथा अब तक प्राय: नन्द तथा यशोदा के पक्ष से ही देखी जाती रही है। संस्कृत तथा हिन्दी साहित्य ने यशोदा के पक्ष से इस कथा को इतनी बार दुहराया है कि श्रीकृष्ण की मूल जननी देवकी तथा पिता वसुदेव दोनों साहित्य एवं इतिहास के हाशिए पर पहुँच गये हैं। इस उपन्यास में श्रीकृष्ण कथा को देवकी-वसुदेव के..
श्रीकृष्ण के जीवन पर आधारित श्रेष्ठ उपन्यास-ऐतिहासिक अध्ययन और यथार्थ सम्मत दृष्टि से महान पुरुषार्थी, योगेश्वर श्रीकृष्ण का सामान्य मनुष्य के रूप में चित्रण-यशस्वी उपन्यासकार रांगेय राघव की कलम से।..