भारत में हर साल बड़ी संख्या में निर्दोष लोग आदमख़ोर शेरों और तेन्दुओं के शिकार होते हैं। इन मांसाहारी पशुओं का स्वाभाविक आहार वन्य प्राणी हैं तो फिर ये इन्सानों को क्यों खाने लगते हैं? क्या इन बेगुनाह लोगों के जीवन की रक्षा की जा सकती है? इस पुस्तक में आदमख़ोरों के बीच लोमहर्षक शिकार-कथाओं के साथ-स..
पाश की कविता हमारी क्रान्तिकारी काव्य-परम्परा की अत्यन्त प्रभावी और सार्थक अभिव्यक्ति है। मनुष्य द्वारा मनुष्य के शोषण पर आधारित व्यवस्था के नाश और एक वर्गविहीन समाज की स्थापना के लिए जारी जनसंघर्षों में इसकी पक्षधरता बेहद स्पष्ट है। साथ ही यह न तो एकायामी है और न एकपक्षीय, बल्कि इसकी चिन्ताओं में..
आज़ादी के बाद कथाकार के रूप में प्रतिष्ठा अर्जित करनेवाले लेखकों में अमरकान्त का नाम सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण है। अमरकान्त की शक्ति-सम्पन्न कहानियाँ, जहाँ भारतीय समाज की आशा-आकांक्षाओं को गहरी संवेदना से रूपायित करती हैं, वहीं सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक बदलाव के उसके संकल्पों को भी अभिव्यक्त करती है..
बूढ़ा अपने अतीत में खोई हुई वर्तमान से कट गई थीं । न उनका अतीत वर्तमान में अँट रहा था और न वर्तमान उन्हें छू पा रहा था । उनके सामने जो यथार्थ था, उसे वे अपनी यातना का नरक समझ रही थीं । जो बीते हुए दिन थे, वे झिलमिल स्वप्न- लोक की तरह सिर्फ उन्हें भरमा रहे थे । उनके मन में न अतीत की सच्चाई थी और न व..
कभी राजभवन में सोने की थाली में राजसी भोजन, कभी झोंपड़ी में गरीबों का भोजन, कभी भूखे पेट, कभी सुनसान जंगल में आधे पेट खाकर भ्रमण करना स्वामी विवेकानंद के जीवन के अंतिम दो दशकों की आश्चर्यजनक जीवनगाथा। पिछले लगभग डेढ़ सौ वर्षों से कई देशों में स्वामीजी के पाककला प्रेम की चर्चा के साथ महासागर के उस पा..
मोनिका तभी कलम चलाती हैं, जब कोई घटना या पात्र उन्हें बेचैनी की सीमा तक परेशान कर देता है। उनके लिए कहानी महज शब्दों की नुमाइश या आतिशबाजी नहीं, बल्कि सामाजिक सरोकारों का यथार्थ साक्षात्कार होती है। स्त्री-पुरुष के आपसी अंतर्संबंधों की बारीकियाँ एवं विक्षिप्तता, उनका निपट अकेलापन, उससे पनपनेवाली मान..
राजेश जोशी भाषा को लिरिकल बनाते हुए उस संगीत तक ले जाते हैं, जहाँ से अर्थों की उड़ान शुरू होती है। वह थियेटर की सभी तकनीकें, प्रश्नाधारित संवाद, लय और गीतात्मकता का सीधा इस्तेमाल करते हैं, किन्तु कविता की मूल प्रतिज्ञा, सूक्ष्मता और संवेदनीयता से नहीं डिगते।राजेश की कविता की ताक़त रेटारिक का अर्थ ..
इस किताब का आधारभूत उद्देश्य हिंसा अपराधों के पीछे छिपे मनोविज्ञान को समझना है जो सबसे कम बिगड़े तथा भारतीय आदिवासियों में श्रेष्ठ प्रजाति के लोगों द्वारा किए जाते हैं, तथा वे परिस्थितियाँ जो यहाँ के आदमी, औरतों को आत्महत्या करने के लिए उकसाती हैं।ऐसी कृति तथा शोधकार्य उन आदिवासियों को, जो जजों तथ..