अंतरिक्ष तथा ब्रह्मांड वस्तुत : एक ही शब्द के भिन्न-भिन्न रूप हैं, जिनसे उस असीम- अनंत सत्ता का बोध होता है, जिसे ' नेति-नेति ' कहा गया है । जहाँ मनुष्य की आँखें नहीं देख पातीं, जहाँ दूरबीन भी विफल हो जाती है-वह आकाश अंतरिक्ष है । वह अपरिमित, अनंत और असीम है । वह अनेक कल्पनाओं से भरा हुआ क्षेत्र है ..
प्रसिद्ध साहित्यकार वैद्य गुरुदत्त ने अपने ' अंतरिक्ष में ' उपन्यास में कल्पना की है कि रात का अँधेरा दूर करने के लिए वैज्ञानिकों ने एक ऐसा चंद्रमा बनाया, जो रात भर सूर्य जैसा, पर शीतल, उजाला देता है । यह कल्पना अभी तक तो फलीभूत नहीं हुई; लेकिन संभव है, अगले कुछ दशकों में आदमी चंद्रमा की सैर के लिए ..
गणित को सामान्यतः लोग एक नीरस विषय मानते हैं, क्योंकि गणित के आधारभूत नियमों और सूत्रों की जानकारी के अभाव में गणित को समझना काफी कठिन होता है; साथ ही गणित को समझने में सूझ एवं तर्कशक्ति की परम आवश्यकता होती है। अतः मस्तिष्क पर दबाव डालना पड़ता है। जिनके पास सूझ, तर्कशक्ति एवं अच्छी स्मरण-शक्ति है, ..
युवा वर्ग के जीवन का महत्त्वपूर्ण संबल है अच्छा स्वास्थ्य। पोषण एवं यौन स्वास्थ्य से संबंधित जानकारी को आसान तरीके से प्रस्तुत करने का प्रयास है। सही जानकारी के अभाव में युवा कई तरह के यौन संक्रमण एवं उससे होनेवाली जटिल समस्याओं के शिकार होते हैं।
ऐसे कई नाजुक एवं जरूरी विषयों को हमने छुआ है।
आज ह..
फारसी लोककथा के अनुसार पृथ्वी की आयु 12,000 वर्ष; बैबीलोन ज्योतिषियों के अनुसार 20 लाख वर्ष; बाइबल के अनुसार 6,000 वर्ष बताई गई है । आर्क बिशप उशर का मत था कि पृथ्वी का जन्म 4004 ई. पू प्रात: 9.00 बजे हुआ! आधुनिक अनुसंधानों से सिद्ध हो चुका है कि हमारे ग्रह पृथ्वी की आयु 40,000 लाख वर्ष है ।
पृथ्वी..
बहुत पुराने समय से ही पारे से सोना बनाने के 'प्रयास किए जाते रहे हैं । ऐसा प्रयास करनेवालों को कीमियागिर तथा इस विज्ञान को कीमियागिरी कहा जाता था । इसी को रसायनशास्त्र भी कहा जाता है । आयुर्वेद में इसे रसशास्त्र नाम से जाना जाता है ।
मानव-जीवन का कोई भी ऐसा पक्ष नहीं है, जिसमें रसायन विज्ञान का अं..
श्री नीतीश कुमार भारतीय राजनीति के उन विरले लोगों में शामिल हैं, जिनकी राजनीति सत्ता के निष्ठुर धरातल से बहुत दूर मानवीय जीवन की संवेदनाओं पर टिकी है। हृदय से निकली उनकी बातें मौलिक और दूरगामी चिंतन से ओत-प्रोत होती हैं। उनकी स्वाभाविक शैली उन्हें Politician से अलग एक Statesman की श्रेणी में शुमार क..
साहित्य अकादमी द्वारा पुरस्कृत श्रेष्ठ उपन्यास ‘भूले-बिसरे चित्र’ के विषय में आलोचकों ने कहा था, ‘‘एक महान कृति—भारतीय समाज और परिवार के विकास की विविध दिशाओं और रूपों का एक विराट एवं प्रभावोत्पादक चित्र...’’‘टेढ़े-मेढ़े रास्ते’ और ‘भूले-बिसरे चित्र’ की परम्परा में ‘सीधी-सच्ची बातें’ श्री भगवतीचरण..