पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के शब्दों में नानी पालखीवाला ‘देश के सर्वश्रेष्ठ बुद्धिजीवी’ हैं। भारत की राजनीतिक आर्थिक और सामाजिक सभी प्रकार की समस्याओं का आपने विश्लेषण किया है और समाधान भी दिये हैं। इन विषयों पर उनके भाषण तथा पुस्तकें बहुत लोकप्रिय हुई हैं। प्रस्तुत पुस्तक उनके समग्र कृतित्व म..
आपको गाँवों के पंचायतीराज के बारे में जानने-समझने की जिज्ञासा रहती है। पंचायतें किस प्रकार कार्य करती हैं? इनका ढाँचा कैसा है? ग्राम पंचायत क्या है? हमारे देश में पंचायतीराज की व्यवस्था किस प्रकार की है? ग्रामसभा में क्या होता है? पंचायत विकास के कौन से कार्य करवाती है? कार्यों की निगरानी पंचायत..
‘दिवाला से दीवाली तक’ भारतीय रेल के अभूतपूर्व कायाकल्प की आँखोंदेखी अंतर्कथा पाठकों के समक्ष प्रस्तुत करती है, जिसने तब परिणाम दिए जब परंपरागत नुस्खे लागू नहीं किए जा सकते थे।-मोंटेक सिंह आहलूवालिया, उपाध्यक्ष, योजना आयोग, भारत सरकार ‘इस पुस्तक में इस तथ्य को बखूबी प्रस्तुत किया गया है कि प्रभावी ने..
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Language Hindi
Format Hard Back
Publication Year 2019
Edition Year 2021, Ed. 2nd
Pages 104p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Radhakrishna Prakashan
Dimensions 22 X 14.5 X 1..
The Guru Gobind Singh Indraprastha University Common Entrance Test (GGSIPU CET) BBA 2022 will be conducted in a computer-based mode for admission to the BBA programme.Make yourself exam-ready with the latest edition of “GGSIPU BBA Common Entrance Test”, which is designed exactly as per the needs ..
संविधान में 73वें संशोधन के बाद यह उम्मीद की गई कि देश के लाखों गाँवों में पंचायती राज की स्थापना से गाँवों के कष्ट दूर होंगे। विकास की बहुत उम्मीदें भी लगाई गईं, आरक्षण से गाँवों के पिछड़ों, महिलाओं के लिए स्थान भी सुरक्षित किए गए, पर हुआ क्या? क्या बिना साधनों के विकास सम्भव होगा? पंचायतों को अधिका..
भारत की आत्मा गाँवों में बसती है। ग्राम-व्यवस्था वस्तुतः राष्ट्र-व्यवस्था की बुनियाद है। यही कारण है कि हमारे राष्ट्रनायकों ने सामाजिक उन्नयन, आर्थिक विकास, सांस्कृतिक प्रगति और राजनीतिक चेतना की दृष्टि से गाँवों को पर्याप्त महत्त्व दिया है। सबका मानना है कि भारत के विकास का रास्ता गाँवों से होकर गु..
पुस्तक के बारे में :
बाजार में JPSC (मुख्य परीक्षा) भारतीय संविधान, राजव्यवस्था, लोक प्रशासन एवं सुशासन विषय पर स्तरीय पुस्तकों के अभाव को देखते हुए इस पुस्तक की रचना की गई है। वैसे तो बाजार में अनेकों पुस्तकें इस विषय पर उपलब्ध हैं, परंतु उनमें स्तरीय सामग्री का अभाव है। छात्रों की समस्याओं (प्राम..
To become a lecturer or a researcher in a college or in university, it requires way more efforts than to just appearing for the exam. If you are keen to pursue a career in the lecturer ship, then appearing in NTA UGC NET Exam will be the best decision. This examination consists of two papers- Paper ..
भारत की आत्मा गाँवों में बसती है। ग्राम-व्यवस्था वस्तुतः राष्ट्र-व्यवस्था की बुनियाद है। यही कारण है कि हमारे राष्ट्रनायकों ने सामाजिक उन्नयन, आर्थिक विकास, सांस्कृतिक प्रगति और राजनीतिक चेतना की दृष्टि से गाँवों को पर्याप्त महत्त्व दिया है। सबका मानना है कि भारत के विकास का रास्ता गाँवों से होकर गु..