कहानी में प्रायः किसी-न-किसी रूप में समाज और मानवीय चिंताओं एवं सरोकारों का लेखा-जोखा रहता है। कहानी मन की गहराइयों और स्वयं को समझने का माध्यम बनती है, तो साथ ही एक अनोखी, अनकही एवं अनछुई झटपटाहट की अभिव्यक्ति को भी स्वर देती है। कहानी अपने तेवर और कलेवर में जिन तथ्यों तथा कथ्य को उघाड़ती, पछाड़ती ..
आओ बैठ लें कुछ देर’ प्रसिद्ध कथाकार और चिन्तक श्रीलाल शुक्ल की सीधी-सादी किन्तु व्यंग्यात्मक शैली में 1992-93 के दौरान ‘नवभारत टाइम्स’ में लिखे गए चुनिन्दा स्तम्भ लेखों का संकलन है।श्री शुक्ल के इन लेखों में राजनीति, समाज, भाषा, साहित्य, रंगमंच, पत्रकारिता, फ़िल्म आदि विषयों पर समग्रता से विचार करन..
आपको गाँवों के पंचायतीराज के बारे में जानने-समझने की जिज्ञासा रहती है। पंचायतें किस प्रकार कार्य करती हैं? इनका ढाँचा कैसा है? ग्राम पंचायत क्या है? हमारे देश में पंचायतीराज की व्यवस्था किस प्रकार की है? ग्रामसभा में क्या होता है? पंचायत विकास के कौन से कार्य करवाती है? कार्यों की निगरानी पंचायत..
बचत और निवेश को लेकर हम प्रायः ऊहापोह में रहते हैं। कहाँ निवेश करें? पैसा है नहीं, कैसे बचत करें? क्या पी.पी.एफ. ठीक है या फिर सुकन्या समृद्धि योजना अथवा म्यूचुअल फंड? कहाँ लगाएँ पैसा? म्यूचुअल फंड में कैसे करें निवेश? किस कंपनी का शेयर लेना ठीक है? शेयर में निवेश करते समय कौन-कौन सी बातों को ध्यान ..
आमतौर पर बच्चे विज्ञान को कठिन विषय समझते हैं। वे समझते हैं कि विज्ञान में बहुत पढ़ना पड़ता है, प्रयोग करने पड़ते हैं और कई बार घर या स्कूल से बाहर—बगीचों, जंगलों आदि में—घूमना पड़ता है। पर न तो विज्ञान के प्रयोग हमेशा बहुत कठिन होते हैं और न ही सब प्रयोगों को करने से पहले बहुत अध्ययन कर जरूरत होती ..
प्रयोग हमेशा बड़े ही नहीं होते और न ही हमेशा वे सुसज्जित प्रयोगशालाओं में, जिनमें सब प्रकार की सुविधाएँ उपलब्ध होती हैं, किए जाते हैं। अनेक प्रयोग घरों में भी आसानी से, उपलब्ध सामानों से, किए जा सकते हैं। हम इस पुस्तक में कुछ ऐसे प्रयोग बता रहे हैं, जिन्हें तुम अपने घरों में भी, आसानी से उपलब्ध चीजो..
प्रस्तुत पुस्तक डॉ. दाभोलकर के ‘सकाळ’ अखबार में छपे स्तम्भ-लेखन का संकलन है. इसमें डॉ. दाभोलकर के पाठकों द्वारा पूछे गए प्रश्नों के उत्तर हैं लेकिन उनका स्वरुप प्रश्न-उत्तर का नहीं है. यह पत्र-शैली के रूप में किया गया लेखन है. डॉ. दाभोलकर के मतानुसार यह एक कार्यकर्ता का लेखन है.प्रस्तुत पुस्तक दरअ..
जादू यकीन दिलाने की योग्यता है। यह प्रदर्शन की कला है। आप अपने दर्शकों को बेवकूफ नहीं बनाते, उन्हें चकित करते हैं और उनका मनोरंजन करते हैं। माइंड रीडर और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सफल जादूगर, नकुल शेनॉय आपको ऐसा करना सिखा सकते हैं।
भारत के सबसे रोमांचक कलाकारों में से एक से जादू सीखिए
स्मार्ट कोर्स इन..
नवजागरण अपने राष्ट्रीय जागरण व सुधारवादी आन्दोलन के दौरान अनेक सार्थक प्रयासों और अपनी सफलताओं के लिए जाना जाता है। यह वही दौर था जब साम्राज्य विरोधी चेतना एक विराट राष्ट्रीय आन्दोलन का रूप ले चुकी थी, और राष्ट्रवाद अपने पूरे उफान पर था। मगर बावजूद इसके यह दौर अनेक विडम्बनाओं और विरोधाभासों के साथ-स..
भारतीय ऐतिहासिक संस्कृति की पुरातनता तथा भारत की सांस्कृतिक ऐतिहासिकता की प्राचीनता पर पाश्चात्य विद्वान् साहित्यकारों, यथा—‘विलियम जोंस’ प्रभृति जानकारों ने अपनी धार्मिक वर्चस्वता का भारत की ऐतिहासिक प्राचीनता पर जिस रूप में हमला बोलने का अत्युक्तिप्रद प्रयास किया, भारतीय विद्वान् साहित्यकारों क..
संविधान बनाने का काम हमने मुख्य रूप से देश के सर्वोच्च विधि-वेत्ताओं के सिर पर डाल दिया था। उनमें से बहुतेरों ने शायद ही कभी स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लिया था। शायद यह सोचा गया कि संविधान बनाने का काम कानून के निष्णातों का है। यूँ देखा जाए तो हर महान् क्रांति के बाद नया संविधान क्रांतिकारियों ने स्व..
‘हिंदुत्व’ का विराट् स्वर उनकी आत्मा की पोर-पोर में निनादित था। वह हिंदुत्व, जो केवल नीति नहीं, जीवन-सत्य है। वह हिंदुत्व, जो आवरण मात्र नहीं, विशुद्घ अध्यात्म है, सचेतन भारतीय-दर्शन है।
मन हिमवान हो, आत्मा समुन्नत कैलास-शिखर हो, अनुभूतियाँ क्षीर सागर सी तरंगायित हों तो मनुष्य अपने उदात्त अभियान से..