नवीनतम सॉल्ड पेपर सहितBPSSC (बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग)अवर निरीक्षक (दरोगा) मुख्य परीक्षा-202030 प्रैक्टिस सेट्स• सामान्य अध्ययन 20 सेटस• सामान्य हिन्दी 10 सेट्ससमसामयिकी से संबध्द 300 प्रश्नों का समावेशपूर्णतः नवीनतम सिलेबस एवं पैटर्न पर आधारित 3000 प्रश्नों के व्याख्या सहित उत्तर..
यह पुस्तक अपने कर्म, वाणी, व्यवहार, दूरदर्शिता, सामाजिकता और राष्ट्रभाव से संपूर्ण समाज को प्रेरित करनेवाली महान् विभूतियों के अनुकरणीय जीवन का वह प्रकाशपुंज है, जो हर पाठक के जीवन पथ को आलोकित करेगा।
समाज, साहित्य, विज्ञान, खेल, राजनीति, सेना आदि क्षेत्रों के मूर्धन्य और अग्रणी महानुभाव—महात्मा गा..
‘1000 भारतीय संस्कृति प्रश्नोत्तरी’ पाठकों को भारतीय संस्कृति से संबद्ध—प्राचीन एवं नवीन—विभिन्न जानकारियों, वस्तुनिष्ठ तथ्यों व महत्वपूर्ण संदर्भों से परिचित कराएगी। इसे पढ़कर पाठकगण भारतीय संस्कृति से संबद्ध ग्रंथों व उनके रचनाकारों; महत्त्वपूर्ण तिथियों, दिवसों, पक्षों, माहों व व्रतों; विभिन्न अं..
एक पृथक् व स्वतंत्र विषय के रूप में समाजशास्त्र का प्रादुर्भाव पिछली शताब्दी में ही हुआ है । मनु, कौटिल्य, कन्फ्यूशियस, लाओत्से, प्लूटो, सुकरात तथा अरस्तू आदि अनेक प्रसिद्ध सामाजिक दार्शनिक हुए हैं । सामाजिक घटनाओं के व्यवस्थित व क्रमबद्ध अध्ययन तथा विश्लेषण हेतु एक पृथक् एवं स्वतंत्र विज्ञान समाज..
शिक्षा से लेकर परीक्षा तक, जन साधारण से लेकर उच्चतम न्यायालय तक अकसर संविधान की चर्चा की जाती है; किंतु संविधान के बारे में तथ्यपूर्ण एवं व्यवस्थित जानकारी गिने-चुने लोगों को ही है। विभिन्न कारणों से आम आदमी भारत के संविधान के बारे में प्रायः अनभिज्ञ ही है, जबकि उसके मन में संविधान के बारे में समय-स..
स्वामी विवेकानंद : एक ऐसा नाम, जो अपने जन्म के 150 वर्ष बाद भी लोगों को स्फूर्ति से भर देता है और देश, धर्म एवं संस्कृति के लिए अपना बलिदान करने की प्रेरणा देता है। ऐसे योद्धा संन्यासी का जन्म 12 जनवरी, 1863 को माँ भुवनेश्वरी देवी की कोख से हुआ था। अवसान के समय स्वामीजी की आयु मात्र 39 वर्ष 5 महीने..
मोटिवेटर, एक ऐसा व्यक्ति, जो आपको कह सके—यस, यू कैन डू इट। बड़े-से-बड़ा और छोटे-से-छोटा व्यक्ति सराहना और प्रोत्साहन चाहता है, अपने काम की तारीफ चाहता है; लेकिन उसी तारीफ में हम सबसे ज्यादा कंजूसी करते हैं। हम अपने से जुड़े प्रिय लोगों को ज्यादातर उनकी कमियाँ ही बताते रहते हैं। जीवन में कभी-कभी ही क..
चेहरे पर हँसी और मुसकान को देखकर खुशी को परिभाषित नहीं किया जा सकता है। खुशी चेहरे पर नहीं, अंतर की गहराई में होती है, जो चेहरे पर झलके, यह जरूरी नहीं है। वैसे खुश रहने का कोई फॉर्मूला नहीं होता। लोग अपने आप में खुश रहते हैं। किसे किस बात में खुशी मिलेगी, यह कहा नहीं जा सकता। वे खुद भी सही-सही नहीं ..
विश्व के सबसे बड़े स्वयंसेवी सामाजिक संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में आरंभ से ही व्यक्ति विशेष के बजाय उसके कार्य को महत्त्व देने की परंपरा रही है। इसीलिए संघ ने किसी व्यक्ति को नहीं, बल्कि भगवा ध्वज को अपना गुरु माना है। यही कारण है कि सरसंघचालकों द्वारा किए गए कार्यों और उनके जीवन के बारे में बहु..
इस पुस्तक में बिजनेस की 50 महान् हस्तियों के कारोबारी जीवन-संघर्ष की प्रेरणाप्रद कहानियाँ दी गई हैं, जिन्होंने अपनी मेहनत, लगन, हौसले, इच्छा, उमंग, संघर्ष, सोच और जागरूकता के बल पर स्वयं को शून्य से शिखर पर पहुँचाया। पुस्तक में उनका केवल यशोगान नहीं किया गया है, बल्कि बताया गया है कि वे हर चुनौतियों..