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ये कहानियाँ इतिहास नहीं हैं, बावजूद इसके इन कहानियों को ऐतिहासिक दस्तावेज कहा जा सकता है, क्योंकि इनका आधार हमारे देश के इतिहास का सत्य है। स्वतंत्रता प्राप्ति के सत्तर साल बाद भी जम्मू-कश्मीर की सरकारें कानून की आड़ में राज्य के उपेक्षितों पर जिस तरह अत्याचार व अनाचार करती रही हैं, वह दिल दहलानेवा..
₹ 250.00
Ex Tax:₹ 250.00
मिथिलेश्वर ग्रामीण परिवेश के सशक्त कथाकार हैं। उनकी लम्बी कहानी ‘जमुनी’ को कृषक-जीवन की महागाथा कहा जा सकता है, जिसमें एक सामान्य भारतीय कृषक परिवार के प्रेम-घृणा, आस्था-विश्वास, आशा-निराशा, हर्ष-विषाद, सम्पत्ति-विपत्ति और उत्थान-पतन का मार्मिक एवं सजीव चित्र प्रस्तुत किया गया है...। शिल्प का रचाव न..
₹ 75.00
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वीरेन्द्र सारंग का यह नया उपन्यास इस मायने में महत्त्वपूर्ण है कि यह महाभारत काल और कृष्ण से जुड़े मिथकों को एक नई दृष्टि से देखता है। इसका असली सार कृष्ण के उस जननायक रूप का है जिसे बाक़ायदा राजनीति के तहत नन्द और वासुदेव समर्थकों ने उनके बचपन से ही मिथकीय रूप दिया ताकि कंस के ख़‍िलाफ़ जनता को एकजु..
₹ 299.00
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ऋषि अष्टावक्र और उनके शिष्य, राजा जनक की कहानी बेहद रोचक प्रसंगों में से एक होकर भी ऐसी है जिसे कम ही लोग जानते हैं। अष्टावक्र नाम का एक बालक राजा जनक के दरबार में राज्य के सबसे विद्वान् ऋषि-मुनियों से शास्त्रार्थ के लिए जाता है लेकिन राजा के दरबारी उसके विकृत शरीर के कारण उसका उपहास करते हैं। वह ब..
₹ 300.00
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कवि-हृदय मनोज कुमार शर्मा का कहानी-संग्रह ‘जनकप्रिया एवं अन्य कहानियाँ’ जीवन के विविध अनुभवों को प्रांजल भाषा में अभिव्यक्त करता है। लेखक के पास संवेदनाओं की सशक्त पूँजी है। यह संवेदना आधुनिक महानगरीय मन और परम्परागत लोकचित्त की साझा निर्मिति है। यही कारण है कि मनोज कुमार शर्मा की कई कहानियाँ लोक-स्..
₹ 200.00
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कोकाई के संस्कार के बाद बेटों ने जैसा कि अकसर होता है, उधार लेकर भंडारे का आयोजन किया। भंडारा चूँकि साधुओं का था, सो शुद्ध घी का हलुआ-पूड़ी, बुँदिया-दही का प्रसाद रहा। संस्कार के वक्‍त ही साधु के प्रतिनिधि ने बड़े बेटे फेंकना से कहा, “तुम कोकाई को अग्नि कैसे दोगे? साँकठ जो हो, पहले कंठी धारण करो; सा..
₹ 400.00
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बँगला में सुविख्यात यह उपन्यास उन लोगों की व्यथा-कथा है, जिनकी जन्मभूमि तो विदेश है, लेकिन मातृभूमि भारत है। वहाँ जनमे बच्चों की समस्याएँ कुछ अलग हैं। अपनी जड़ों से उखड़कर विदेश में जा बसे बच्चों के सामने एक ओर तो विदेशों का स्थूल आकर्षण, वहाँ का वातावरण, वहाँ की संस्कृति व परंपराएँ उन पर अपना प्रभा..
₹ 200.00
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प्रसिद्ध फिल्म अभिनेता अमिताभ बच्चन की बेटी के पाँचवें जन्मदिन के अवसर पर उनके दादा हरिवंशराय बच्चन ने कुछ कविताएँ लिखकर भेंट की थीं, जो सभी इसी पुस्तक में हैं। बच्चन जी हिन्दी साहित्य के दिग्गज कवि हैं, जिनकी कविताएँ सभी आयु वर्ग के लोग पसंद करते हैं।..
₹ 75.00
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नब्बे का दशक सामाजिक और राजनीतिक मूल्यों के लिए इस मायने में निर्णायक साबित हुआ कि अब तक के कई भीतरी विधि-निषेध इस दौर में आकर अपना असर अन्तत: खो बैठे। जीवन के दैनिक क्रियाकलाप में उनकी उपयोगिता को सन्दिग्ध पहले से ही महसूस किया जा रहा था लेकिन अब आकर जब खुले बाज़ार के चलते विश्व-भर की नैतिकताएँ एक ..
₹ 199.00
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महान रूसी लेखक नि. व्. गोपाल की कालजयी कृति 'दी गवर्नमेंट इंस्पेक्टर' पर मूलतः आधारित संजय सहाय का हिंदी नाटक जांच-पड़ताल उस व्यथा और तंत्र के मानव-द्रोही भ्रष्ट चरित्र को परत-दर-परत खोलता है, जिसके बीच हम रहने और जीने के लिए लगभग अभिशप्त हैं ! यथार्थ के विचलित कर देनेवाले उत्ताप और तीखे दंश के सहारे..
₹ 295.00
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प्राचीन साहित्य में नायिका का चित्रण प्रेम की प्रतिमा के रूप में, पति की छाया के रूप में, आज्ञाकारिणी दासी के रूप में ही हुआ है। अपवाद के रूप में नारी कभी-कभी कुटिल और दुष्टा के रूप में भी चित्रित हुई है, परन्तु बुद्धिमान, विवेकशील और पति को सही सलाह देनेवाली दृढ़ नारी का रूप साहित्य में कम ही देखने ..
₹ 450.00
Ex Tax:₹ 450.00
सुविख्यात व्यंग्य लेखक हरिशंकर परसाई के इन संस्मरणात्मक शब्दचित्रों को पढ़ना एक नई अनुभव-यात्रा के समान है। इस अनुभव-यात्रा का एक महत्त्वपूर्ण पहलू यह है कि लेखक ने यहाँ अपने समकालीनों के रूप में कुछ साहित्यिक व्यक्तियों की ही चर्चा नहीं की है, बल्कि कुछ ग़ैर-साहित्यिक व्यक्तियों को भी गहरी आत्मीयता..
₹ 150.00
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