वर्मा जी का यह उपन्यास अपने पूर्ववर्ती उपन्यासों से भिन्न है। 'चित्रलेखा' को छो़ड़कर उन्होंने लगभग सभी उपन्यासों में आधुनिक समाज और उसकी समस्याओं को अपनी विषयवस्तु बनाया है। प्रस्तुत उपन्यास में वे मध्ययुग के इतिहास की ओर लौटे हैं। किन्तु इसका यह अभिप्राय नहीं कि उन्होंने इस उपन्यास के ..